Sunday, April 20, 2025
Homeराज्यन्यायमूर्ति यशवंत वर्मा विवाद: उच्चतम न्यायालय ने 'इन-हाउस' जांच शुरू की

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा विवाद: उच्चतम न्यायालय ने ‘इन-हाउस’ जांच शुरू की

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास पर पिछले दिनों आग लगने के बाद कथित तौर बड़ी संख्या में नकदी की बरामदगी संबंधी प्रतिकूल रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में ‘इन-हाउस’ जांच शुरू की है।

सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय से एक तथ्य-खोजी रिपोर्ट भी मांगी है।

सूत्रों के अनुसार, इससे पहले इस घटनाक्रम के बाद न्यायमूर्ति खन्ना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने गुरुवार को सर्वसम्मति से न्यायमूर्ति वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित की सिफारिश की थी।

हालांकि, न्यायमूर्ति वर्मा के तबादले के संबंध में कॉलेजियम का प्रस्ताव अभी तक (खबर लिखे जाने तक) सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है।

न्यायमूर्ति वर्मा ने नकदी की बरामदगी पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष एक वकील ने यह मुद्दा उठाया और कहा,“ इस घटना से हमें दुख पहुंचा है। भविष्य में ‘ऐसी घटनाओं’ को रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कदम उठाए जाने चाहिए।” इस पर मुख्य न्यायाधीश ने जवाब देते हुए कहा कि न्यायाधीश इस बारे में सचेत हैं।

अपने संभावित स्थानांतरण की खबरों के बीच न्यायमूर्ति वर्मा आज छुट्टी पर हैं। आज सुबह (21 मार्च) अदालत में उनके कर्मचारियों द्वारा उनकी अनुपस्थिति की आधिकारिक घोषणा की गई।

इस बीच, इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने कहा कि वह न्यायमूर्ति वर्मा को उनके मूल उच्च न्यायालय में वापस भेजने के कॉलेजियम के फैसले से स्तब्ध है।

मूल रूप से उच्च न्यायालय इलाहाबाद से आने वाले न्यायमूर्ति वर्मा को अक्टूबर 2021 में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

उनको 13 अक्टूबर 2014 को उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने एक फरवरी 2014 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्हें 11 अक्टूबर 2021 को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।

न्यायमूर्ति वर्मा के नई दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास पर आग की यह घटना 14 मार्च को रात करीब 11.30 बजे हुई। उस समय वह घर पर नहीं थे। आग बुझाने के दौरान दमकल कर्मियों और पुलिस को एक कमरे में कथित तौर पर भारी संख्या में नकदी मिली।

दिल्ली उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर उपलब्ध न्यायमूर्ति वर्मा के व्यक्तिगत विवरण के अनुसार, उका जन्म 6 जनवरी, 1969 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। उनके पिता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे।

उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से बी कॉम (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की। मध्य प्रदेश के रीवा विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की। उसके बाद उन्हें आठ अगस्त, 1992 को एक वकील के रूप में नाम दर्ज किया गया।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक अधिवक्ता के रूप में उन्होंने संवैधानिक, श्रम और औद्योगिक विधानों, कॉर्पोरेट कानूनों, कराधान और कानून की संबद्ध शाखाओं से संबंधित मामलों को संभालने से संबंधित क्षेत्रों में वकालत की। वह 2006 से पदोन्नति तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के विशेष अधिवक्ता थे। उन्होंने मुख्य स्थायी अधिवक्ता का पद भी संभाला। वर्ष 2013 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments