-नॉन मायड्रियाटिक कैमरे से किया ग्लूकोमा के रोगियों की जांच
लखनऊ, (वेब वार्ता)। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में 9 से 16 मार्च तक विश्व ग्लूकोमा सप्ताह मनाया गया। डॉ. शिखा अग्रवाल और डॉ. प्रीति गुप्ता ने मरीजों और परिजनों को ग्लूकोमा, नियमित ग्लूकोमा जांच की जरूरत और इसके शुरुआती निदान के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। अस्पताल में आने वाले मरीजों को ग्लूकोमा जागरूकता पंपलेट बांटे गए।
11 मार्च को केजीएमयू के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. रजत मोहन श्रीवास्तव ने ग्लूकोमा में स्मार्ट फोन उपकरणों की भूमिका पर चर्चा की। डॉ. प्रोलिमा ठाकर, डॉ. सबरी पाल और डॉ. इंदु अहमद ने ऑप्टोमेट्रिस्ट और पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ ग्लूकोमा के निदान और उपचार सहित इसके विवरण पर चर्चा की। एक शिविर भी आयोजित किया गया जहां अन्य उपकरणों के साथ-साथ नॉन मायड्रियाटिक कैमरे का उपयोग ग्लूकोमा के रोगियों की जांच के लिए किया गया।