नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार (3 मार्च) को फैसला सुनाया है कि किसी भी विधायक को निलंबित या मार्शल के जरिए सदन से बाहर किए जाने पर उसे विधानसभा परिसर पूरी तरह से खाली करना होगा। स्पीकर ने यह व्यवस्था इस विवाद के बाद दी है कि, क्या निलंबित विधायक विधानसभा परिसर के कुछ क्षेत्रों, जैसे लॉन और नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय में रह सकते हैं या नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने दलील दी थी कि नियमावली के तहत, ये क्षेत्र निलंबन नियमों के दायरे में नहीं आते, जिससे विधायक परिसर के भीतर विरोध प्रदर्शन जारी रख सकते थे। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 277 का हवाला देते हुए स्पष्ट किया है कि निलंबन का अभिप्राय विधानसभा परिसर से पूर्ण निष्कासन है।
स्पीकर ने कहा- छोड़ना होगा सदन परिसर
स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने ऐसे मामलों में विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय के क्षेत्राधिकार को और मजबूत करते हुए कहा कि, अब से, किसी भी विधायक को निलंबित या मार्शल के जरिए बाहर किए जाने पर उसे परिसर छोड़ना या खाली करना होगा।
आप के 21 विधायक पर रोक
आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों को 27 और 28 फरवरी को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोक दिए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया था। इन विधायकों को मुख्यमंत्री कार्यालय से भीमराव आंबेडकर की तस्वीर कथित तौर पर हटाए जाने के विरोध में हाल ही में निलंबित किया गया था।
एलजी से मिले अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता
वही दूसरी ओर, दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आज सुबह 10 बजे उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मुलाकात की। इस बैठक का उद्देश्य 25 फरवरी 2025 को विधानसभा में दिए उपराज्यपाल के अभिभाषण के लिए औपचारिक रूप से आभार व्यक्त करना था। इससे पहले विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें उपराज्यपाल के अभिभाषण की सराहना की गई थी। नियम 19(7) के तहत विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने व्यक्तिगत रूप से उपराज्यपाल को एक औपचारिक पत्र सौंपा और सदन की ओर से उनके अभिभाषण के प्रति सम्मान प्रकट किया।