नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। पूरे देश में रविवार को 76वां गणतंत्र दिवस उत्साह, उमंग एवं उल्लास के साथ मनाया गया तथा विभिन्न राज्यों की राजधानियों, जिला मुख्यालयों, राजनीतिक दलों और सरकारी कार्यालयों में ध्वजारोहण किया गया। वहीं राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित समारोह में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, एकता, समानता, विकास और सैन्य कौशल का अनूठा मिश्रण देखने को मिला।
कर्तव्य पथ पर आयोजित मुख्य समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इस वर्ष राष्ट्रीय महत्व के आयोजनों में ‘जनभागीदारी’ बढ़ाने के सरकार के उद्देश्य के अनुरूप परेड देखने के लिये लगभग 10 हजार विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया था। इनमें विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले और सरकार की योजनाओं का सर्वोत्तम उपयोग करने वाले लोग शामिल हैं।
गणतंत्र दिवस परेड पूर्वाह्न 10.30 बजे शुरू हुयी और लगभग 90 मिनट तक चली। समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाने से हुयी, जहां उन्होंने देश के वीरों को पुष्पांजलि अर्पित किये। इसके बाद, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य लोग परेड देखने के लिये कर्तव्य पथ पर सलामी मंच की ओर बढ़ें। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो ‘पारंपरिक बग्गी’ में सवार होकर कर्तव्य पथ पर आए। गौरतलब है कि यह प्रथा 40 वर्षों के अंतराल के बाद 2024 में फिर से शुरू की गयी थी। राष्ट्रपति के अंगरक्षक, भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट द्वारा उन्हें सुरक्षा प्रदान की गयी।
राष्ट्रपति के आगमन के बाद परंपरा के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया, जिसके बाद 105-एमएम लाइट फील्ड गन, एक स्वदेशी हथियार प्रणाली का उपयोग करके 21 तोपों की सलामी दी गयी और राष्ट्रगान हुआ।
परेड की शुरुआत देश के विभिन्न हिस्सों के संगीत वाद्ययंत्रों के साथ ‘सारे जहां से अच्छा’ ध्वनित करते हुये 300 सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा की गयी। वाद्ययंत्रों का यह स्वदेशी मिश्रण हर भारतीयों के दिलों की धुन, ताल और उम्मीदों से गूंज उठा। वाद्ययंत्रों के इस समूह में शहनाई, सुंदरी, नादस्वरम, बीन, मशक बीन, रणसिंह-राजस्थान, बांसुरी, करदी मजालू, मोहुरी, शंख, तुतारी, ढोल, गोंग, निशान,चंग, ताशा, संबल, चेंडा, इडक्का, लेज़िम, थविल, गुदुम बाजा, तालम और मोनबाह शामिल थे।
इसके बाद सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के विजेता शामिल हुये। इनमें परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार (सेवानिवृत्त) तथा अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त) शामिल रहे। कर्तव्य पथ पर देश की विविध शक्तियों और इसके निरंतर विकसित होते सांस्कृतिक समावेश दर्शाती कुल 26 झाकियां निकाली गयी, जिनमें 16 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों और 10 केंद्र सरकार के मंत्रालय/विभागों की झांकियां शामिल थीं।
कर्तव्य पथ से निकलने वाली इन सभी झांकियों में ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ को दर्शाया गया। झांकियों में भारत की विविध शक्तियों और इसके निरंतर विकसित होते सांस्कृतिक समावेश के शानदार भविष्य को प्रदर्शित किया गया। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की भाग लेने वाली झांकियों में पहली झांकी गोवा की रही।
गणतंत्र दिवस के अवसर देशभर में कार्यक्रमों की धूम रही। राजस्थान में उदयपुर में आयोजित राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य एवं गणमान्य लोग मौजूद रहे। राज्यपाल ने झंडा फहराने के बाद परेड का निरीक्षण किया और सलामी गारद द्वारा प्रस्तुत मार्च पास्ट की सलामी ली।
लखनऊ से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर झंडारोहण किया और कहा कि देश का संविधान हमें न्याय, समता और बंधुता के साथ जुड़ने की एक नई प्रेरणा प्रदान करता है।
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने गणतंत्र दिवस के अवसर राजधानी रायपुर में ध्वज फहराया। इस मौके पर उन्होंने कहा, “हमारी परंपरा में जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी की बात कही गई है। जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से बढ़कर हैं। हमारी इस सुंदर धरती भारत माता के 76 वें गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाने, हम सब आज एकत्र हुए हैं।”
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत राज्य के प्रमुख शहरों में गणतंत्र दिवस परंपरागत तरीके से हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। राज्य स्तरीय मुख्य आयोजन यहां लाल परेड मैदान में संपन्न हुआ, जहां राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया और भव्य एवं आकर्षक परेड की सलामी ली।
इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने मुरैना जिला मुख्यालय पर तिरंगा फहराया और आकर्षक परेड की सलामी ली। उन्होंने इस दौरान मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन किया। इसके साथ ही मंत्रियों ने अलग अलग निर्धारित जिलों में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन किया। अनेक जिलों में जनप्रतिनिधियों और कलेक्टरों ने तिरंगा फहराकर मुख्यमंत्री का संदेश सुनाया। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इंदौर में आयोजित भव्य एवं गरिमामय आयोजन में तिरंगा फहराकर आकर्षक परेड की सलामी ली।
जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, “हम जम्मू-कश्मीर की शांति, समृद्धि और विकास का संकल्प लेते हैं और हमारी सरकार लोगों को न्याय दिलाने में भी भूमिका निभायेगी।”
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने रविवार को परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और भव्य परेड की सलामी ली। कार्यक्रम में श्री गुरमीत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पुलिस अधिकारियों को सराहनीय सेवाओं के लिए पदक अलंकरण कर सम्मानित किया। साथ ही, विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शित झांकियों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले क्रमशः सूचना विभाग, संस्कृत शिक्षा विभाग तथा शिक्षा विभाग की झाँकी को दोनों ने सम्मानित किया।
ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने महात्मा गांधी मार्ग पर आयोजित समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर कम से कम दस झाँकियों में देशभक्ति, सांस्कृतिक विरासत और ग्रामीण विकास, प्रौद्योगिकी और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में विकास वृद्धि जैसे विषयों को प्रदर्शित किया गया। परेड में कुल मिलाकर 49 टुकड़ियों ने भाग लिया। महर्षि कॉलेज ऑफ नेचुरल लॉ के छात्रों द्वारा डेयरडेविल मोटरसाइकिल शो, ओडिशा स्केटिंग अकादमी द्वारा स्केटिंग, संताली समुदाय द्वारा नृत्य और घोड़ा और ढेमसा जैसे पारंपरिक मंडलों द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन इस कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षण रहे।
जिला स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बिदानसी मिनी स्टेडियम कटक में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इसके अलावा तटीय ओडिशा के 10 निर्जन द्वीपों पर पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।
पश्चिम बंगाल में कोलकाता के रेड रोड पर गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में राष्ट्रीय तिरंगा फहराया। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने रेड रोड पर गणतंत्र दिवस परेड भी देखी, जहां रक्षा बलों की तीनों शाखाओं, अर्धसैनिक बलों, पुलिस, नागरिक सुरक्षा, एनसीसी और लड़कियों के कैडेटों ने गणमान्य व्यक्तियों को सलामी देते हुए मार्च पास्ट किया। परेड में राज्य ने अपनी उपलब्धियों को झांकी के माध्यम से प्रदर्शित किया, जिसमें भारतीय सेना द्वारा रोबोटिक खच्चर और नई पीढ़ी के वाहन शामिल थे।
मेघालय के राज्यपाल सी एच विजयशंकर ने शिलांग के पोलो मैदान में गणतंत्र दिवस परेड में राष्ट्रीय तिरंगा फहराया। श्री विजयशंकर ने दो घंटे तक चले कार्यक्रम के दौरान मेघालय पुलिस, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एनसीसी लड़कों, एनसीसी लड़कियों, मेघालय भारत स्काउट्स एंड गाइड्स, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी, सेक्रेड हार्ट बॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल, होली चाइल्ड सेकेंडरी स्कूल, असम राइफल्स पब्लिक स्कूल की घुड़सवार टुकड़ी, बॉर्डर विंग होमगार्ड्स और सीमा सुरक्षा बल के ब्रास बैंड सहित सुरक्षा बलों की सलामी भी ली। मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने पश्चिम गारो हिल्स जिले के तुरा में तिरंगा फहराया और मेघालय के विभिन्न हिस्सों में दिए जा रहे समावेशी विकास और न्यायसंगत जोर पर प्रकाश डाला।
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने कांगला में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और शानदार परेड की सलामी ली।
इस अवसर पर आयोजित रंगारंग परेड की कमान पुलिस अधीक्षक (खेल) लैशराम सरिता देवी ने संभाली, जो पूर्व विश्व चैंपियन मुक्केबाज हैं। समारोह में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह भी शामिल हुए।
तेलंगाना में भी गणतंत्र दिवस भव्यता और गौरव के साथ मनाया, जिसमें जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम, औपचारिक परेड और परिवर्तनकारी पहल की घोषणा की गई। हैदराबाद के परेड ग्राउंड में आयोजित आधिकारिक समारोह में सभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने संवैधानिक मूल्यों, समावेशिता और प्रगति के प्रति तेलंगाना की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की। देश के अन्य राज्यों में गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।