वॉशिंगटन, (वेब वार्ता)। डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही अपनी टीम बनाई तो कई नामों ने दुनिया का ध्यान खींचा। इनमें एक नाम भारतीय मूल के अमेरिकी काश पटेल का भी है। काश को ट्रंप ने एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) का डायरेक्टर बनाया है। राम मंदिर पर बयान देकर चर्चा में आने वाले काश ने एफबीआई निदेशक के पद की शपथ लेते समय भगवत गीता पर हाथ रखकर शपथ ली।
काश पटेल और उनके माता-पिता भारत से आकर अमेरिका में बस गए। अब काश अमेरिका में सबसे शक्तिशाली कानून प्रवर्तन पद पर हैं। काश पटेल ने एक महीने से भी कम समय में एफबीआई में सुधार के लिए अहम कदम उठाए हैं। वे वॉशिंगटन डीसी में एजेंसी के मुख्यालय के कामकाज को सुव्यवस्थित कर रहे हैं। एफबीआई के 38 हजार कर्मचारियों में से 8,000 यहां काम करते हैं। यह एजेंसी के 11 अरब डॉलर के बजट का एक बड़ा हिस्सा है। पटेल 1,000 एजेंटों का तबादला किया है। सीनेटर चक ग्रासली ने काश पटेल के प्रयासों की सराहना की है। ग्रासली कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक हैं। पटेल को एफबीआई को एक ऐसी एजेंसी में बदलने का काम सौंपा जा सकता है, जो पहले कभी नहीं थी। ट्रंप ने काश की तारीफ करते हुए उन्हें अब तक का सबसे अच्छा एफबीआई निदेशक बताया है।
बता दें काश पटेल के माता-पिता भारत के गुजरात राज्य के आनंद जिले के भद्रन गांव से थे। पटेल का परिवार भद्रन गांव से करीब 70 साल पहले युगांडा गया था। हालांकि उनको 1970 में युगांडा छोड़ना पड़ा। इसके कुछ समय बाद बाद वह न्यूयॉर्क में बस गए, जहां 1980 में काश पटेल का जन्म हुआ। काश की मां अंजना पटेल तंजानिया में पली-बढ़ी थीं।