Wednesday, April 16, 2025
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वक्फ़ विधेयक संविधान पर हमला, सरकार फैला रही है भ्रम : विपक्ष

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। विपक्ष ने लोकसभा में बुधवार को पेश वक्फ (संशोधन) विधेक 2025 को सरकार की संविधान विरोधी नीति का परिणाम बताया और कहा कि इस विधेयक को लाकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देश में भ्रम फैला रही है और समाज को बांटने का काम कर रही है।

कांग्रेस के गौरव गोगोई ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरन रिजिजू द्वारा सदन में विधेयक को चर्चा करके पारित करने के लिए प्रस्ताव पर बहस शुरु करते हुए कहा कि विपक्ष भी चाहता है कि कानून में आवश्यक संशोधन हो, लेकिन सरकार की मंशा ठीक नहीं है और विभाजन की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार वक्फ विधेयक को लेकर भ्रम फैलाने का प्रयास कर रही है। देश का संविधान हर व्यक्ति को बराबरी, मौलिक अधिकारों की रक्षा, संघीय ढांचे की सुरक्षा और राष्ट्र की अखंडता सुनिश्चित करने की बात करता है, लेकिन सरकार का वक्फ विधेयक संविधान पर आक्रमण है और भ्रम फैलाकर समाज को विभाजित कर वोट बैंकं की हिफाजत करना है। उनका कहना था कि सरकार यह कहते हुए भ्रम फैला रही है कि विधेयक पर व्यापक रूप से चर्चा हुई है जबकि सरकार इस पर मनमानी करती रही और सदन में व्यापक चर्चा की बात कर भ्रम फैला रही है। उनका यह भी कहना था कि इस विधेयक को लेकर जो बैठकें हुई है उन बैठकों के मिनट्स सरकार सदन में रखेगी तो सच्चाई सबके सामने आ जाएगी। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि यह विधेयक अल्पसंख्यक मंत्रालय नहीं बल्कि किसी और मंत्रालय ने तैयार किया है इसलिए इसमें अल्पसंख्यकों के हितों के कोई प्रावधान नहीं किए गये हैं।

उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति वक्फ कर सकता है, लेकिन सरकार इस कानून के जरिए एक व्यक्ति के अधिकार को छीनने का काम कर रही है। यह विधेयक देश की अखंडता, समाज की एकता, नागरिकों के मौलिक अधिकारों और संविधान की आत्मा के विरुद्ध है और इसके जरिए पूरी तरह से भ्रम फैलाने का काम सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि विधेयक में पहले से ही था कि इसमें दो या उससे अधिक महिलाएं सदस्य हो सकती हैं, लेकिन भाजपा सरकार ने उसे दो महिलाएं तक ही सीमित कर दिया है। सरकार भ्रम फैला रही है कि वक्फ के प्रावधान गलत हैं लेकिन इसमें जो प्रावधान सरकार कर रही है वह पहले से ही थे तो इसमें बदलाव क्यों किया गया है। सरकार ने राजस्व वाले नियम को कमजोर किया है ताकि वक्फ बोर्ड आर्थिकरूप से कमजोर हो। उनका कहना था कि सरकार की नजर एक समुदाय की उस जमीन पर नजर है जो उसके लोगों ने दान की है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार इस विधेयक के जरिए राज्यों की ताकत को कमजोर करने का काम कर रही है। इसके एक कानून में राज्यों के लिए जो प्रावधान किए गये हैं उसे हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ एक कौम को भ्रमित करना चाहती है और अगर ऐसा नहीं है तो सरकार को अन्य धर्मों की संपत्तियों के लिए भी इस तरह का अधिनियम बनाना चाहिए। उनका कहना था कि इस कौम के नेताओं ने देश के लिए कुर्बानियां दी हैं और भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाई है। भारत छोड़ों आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाते हुए जेलों में रहे हैं उस कौम के लोगों को भ्रमित करने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। सरकार का समाज को बांटने का यही सिद्धांत है जो हमारे राष्ट्रवाद को भी अपने हित में और अपने हिसाब से परिभाषित करने का काम कर रही है। उनका कहना था कि सरकार ने 108 खंड को हटा दिया है इस कानून में संशोधन के लिए जेपीसी बनी थी, लेकिन इस सरकार ने जेपीसी में भी अनुच्छेद दर अनुच्छेद चर्चा नहीं करने दी। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में इस कानून को लेकर जो प्रावधान हैं यह सरकार उन प्रावधानों को हटाने का काम रही है।

भाजपा के रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि वक्फ विधेयक के जरिए बोर्ड में पिछड़े मुसलमानों को जगह दी जा रही है तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर वक्फ की जमीन लूटी जा रही है तो संविधान अधिकार देता है कि उसे रोका जाना चाहिए। उनका कहना था कि वक्फ धार्मिक संस्था नहीं है और अगर इस संस्था को दान दी जाने वाली संपत्ति लूटी जा रही है तो सरकार इस पर चुप नहीं रह सकती है। उनका कहना था कि वक्फ की अथाह संपत्ति है तो बताया जाना चाहिए कि इस संपत्ति के माघ्यम से कितनी विधवाओं, गरीबों, अनाथों और पीड़ितों को मदद मिली है। उनका कहना था कि कांग्रेस की सरकारें रही हैं, लेकिन तीन तलाक से परेशान होने वाली मुस्लिम महिलाओं के हित के लिए कानून नहीं बनाया गया लेकिन आज उनकी सरकार ने देश में तीन तलाक के कारण पीड़ित महिलाओं को राहत दी है और उन्हें कानूनी अधिकार देकर उनके जीवन को सुखद बनाया है।

उन्होंने कहा कि जब भाजपा सरकार ने तीन तलाक कानून बनाया तो पूरे देश में कुछ मुसलमान इसके विरोध में खड़े हो गये। वे नहीं चाहते थे कि मुस्लिम महिलाओं को आजादी से जीने का अधिकार मिले इसलिए वे इसका विरोध करते रहे। जब कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया तो इसका भी विरोध हुआ, लेकिन आज जम्मू-कश्मीर में तिरंगा लहराता है और वहां अमन चैन है। वहां के लोगों को सारे हक मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कहती है कि उसने वक्फ विधेयक में कई बार बदलावा किए हैं इसके बावजूद इसे बेहतर नहीं बनया जा सका हैं तो साफ है कि कांग्रेस का मकसद अकलियत की सेवा करना नहीं बल्कि वोट बैंक पर नजर रखना था।

भाजपा नेता ने कहा कि इस विधेयक में यह बहुत स्पष्टरूप से कहा गया है कि वक्फ को लेकर अगर किसी तरह की शिकायत है तो लोग इसको लेकर न्यायालय में भी जा सकते हैं। उन्होंने केरल का जिक्र किया और कहा कि वहां ईसाई लोग इसलिए परेशान हैं कि उनकी संपत्ति को हड़पा जा रहा है और वे इस विधेयक में बदलाव लाना चाहते हैं। वक्फ की संपत्ति सबके काम आए यह विधेयक इसका रास्ता खोलता है।

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