नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (वेब वार्ता)। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आज मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर बात की और भाजपा के घोषणापत्र पर भी चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड के प्रति प्रतिबद्ध है। हम ये करेंगे। उत्तराखंड में हमारी सरकार ने इसपर काम किया है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत को लेकर कहा कि अबकी बार 400 पार संविधान को बदलने के लिए नहीं है। हमने आपातकाल और कश्मीर को धारा 370 से छुटकारा दिलाकर, उल्टा हमने संविधान को लेकर सकारात्मक काम किया है।
भाजपा के संकल्प पत्र पर क्या बोले पीयूष गोयल
भाजपा के संकल्प पत्र को लेकर पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष हमारे संकल्प पत्र पर टीका टिप्पणी कर रही है। उनका यही काम है। जिसका कोई नहीं उसका मोदी है। विकसित भारत 2047 को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंध्र मोदी काम कर रहे हैं। मोदी की गारंटी मतलब काम पूरा होने की गारंटी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में असंभव को संभव होते देखा। चाहे राम मंदिर का मामला हो या फिर कश्मीर से धारा 370 हटाने का, तीन तलाक हो या नारी शक्ति के तहत महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने की बात हो, 11 करोड़ शौचालय, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन, 55 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सेवा, 4 करोड़ गरीब लोगों को घर देने का काम, ये सब मोदी जी ने हर वर्ग और तबके के लिए किया है।
भाजपा के घोषणापत्र में इन बातों पर फोकस
पीयूष गोयल ने आगे कहा कि आज राष्ट्रपति के पद पर एक आदिवासी बहन हैं। भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। भाजपा का संकल्प पत्र व्यापक है और हर समाज के लोगों को ध्यान में रखकर लाया गया है। लोगों का जीवन सुधरे, युवा, महिला, गरीब और किसान को केंद्र में रखकर संकल्प पत्र को तैयार किया गया है। देश में पाईप के जरिए एलपीजी घरों तक पहुंचाने का लक्ष्य, लखपति दीदी योजना से महिलाओं को आत्मनिर्भर किया जाएगा। वन नेशन, वन इलेक्शन पर काम किया जाएगा। भारत को ग्लोबल मैुफैक्चरिंग हब बनाया जाएगा। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। खेलकूद और अंतरिक्ष के क्षेत्र में काफी कुछ बढ़ावा दिया जाएगा। झुग्गियों के जगहों पर ही उनके विकास का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के आरोप लगाने में कोई टैक्स नहीं लगता है। देश में एक बार फिर मोदी सरकार बनने जा रही है।