Sunday, April 20, 2025
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हिन्द प्रशांत क्षेत्र में अब न्यूज़ीलैंड भी बनेगा सशक्त साझीदार

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारत एवं न्यूज़ीलैंड ने रक्षा साझीदारी को सशक्त बनाने के एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर करने के साथ ही न्यूज़ीलैंड के हिन्द प्रशांत महासागरीय पहल में शामिल होने, दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने तथा पेशेवरों एवं कुशल कामगारों के लिए आसान आवाजाही की व्यवस्था बनाने का आज ऐलान किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टाेफर लक्सन के बीच यहां हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय शिखर बैठक में ये फैसले लिये गये। श्री लक्सन भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर रविवार को यहां पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच लंबी बैठक के बाद दोनों देशों ने चार घोषणाएं की और संयुक्त वक्तव्य पर सहमति प्रदान करने के साथ छह दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करके आदान प्रदान किया।

दोनों देशों ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) तथा भारत और न्यूजीलैंड के बीच पेशेवरों और कुशल श्रमिकों की गतिशीलता को सुविधाजनक बनाने वाली व्यवस्था पर बातचीत की शुरूआत के साथ न्यूजीलैंड के हिंद प्रशांत महासागरीय पहल (आईपीओआई) तथा में शामिल होने तथा आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) का सदस्य बनने की चार उद्घोषणाएं कीं।

भारत एवं न्यूज़ीलैंड के बीच छह दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करके आदान प्रदान किया गया जिनमें भारत के रक्षा मंत्रालय और न्यूजीलैंड के रक्षा मंत्रालय के बीच रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन, भारत के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) और न्यूजीलैंड सीमा शुल्क सेवा के बीच अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर – पारस्परिक मान्यता समझौता (एईओ-एमआरए), भारत के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और न्यूजीलैंड के प्राथमिक उद्योग मंत्रालय के बीच बागवानी पर सहयोग ज्ञापन, भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय एवं न्यूजीलैंड के प्राथमिक उद्योग मंत्रालय के बीच वानिकी पर आशय पत्र, भारत गणराज्य के शिक्षा मंत्रालय और न्यूजीलैंड के शिक्षा मंत्रालय के बीच शिक्षा सहयोग समझौता और भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय और न्यूजीलैंड सरकार के खेल न्यूजीलैंड के बीच खेल में सहयोग ज्ञापन शामिल हैं।

श्री मोदी ने प्रेस के समक्ष अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री लक्सन और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत में स्वागत करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री श्री लक्सन भारत से लंबे समय से जुड़े हुए हैं। कुछ दिन पहले, ऑकलैंड में, होली के रंगों में रंगकर उन्होंने जिस तरह उत्सव का माहौल बनाया, वह हम सबने देखा! प्रधानमंत्री श्री लक्सन के न्यूज़ीलैंड में बसने वाले भारतीय मूल के लोगों के प्रति लगाव को इस बात से भी देखा जा सकता है, कि उनके साथ एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है। उन जैसे युवा, ऊर्जावान और प्रतिभाशाली लीडर का इस वर्ष रायसीना संवाद का मुख्य अतिथि होना हमारे लिए ख़ुशी की बात है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। हमने अपनी रक्षा और सुरक्षा साझीदारी को मजबूत और संस्थागत रूप देने का निर्णय लिया है। संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण, बंदरगाह यात्राओं के साथ साथ रक्षा उद्योग जगत में भी आपसी सहयोग के लिए रोडमैप बनाया जायेगा। हिन्द महासागर में मेरीटाइम सुरक्षा के लिए, संयुक्त कार्यबल-150 में हमारी नौसेनाएं मिल कर काम कर रही हैं। और, हमें प्रसन्नता है कि न्यूजीलैंड की नौसेना का जहाज दो दिन में मुंबई में पोर्ट कॉल कर रहा है।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच एक परस्पर लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इससे आपसी व्यापार और निवेश की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण और फार्मा जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग और निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा। नवीकरणीय ऊर्जा और बहुमूल्य खनिज क्षेत्रों में आपसी सहयोग को हमने प्राथमिकता दी है। वानिकी एवं उद्यानिकी में संयुक्त रूप से काम किया जाएगा। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री के साथ आए बड़े कारोबारी प्रतिनिधिमंडल को भारत में नई संभावनाओं को देखने और समझने का अवसर मिलेगा।

श्री मोदी ने कहा कि क्रिकेट हो, हॉकी, या पर्वतारोहण, दोनों देशों के बीच खेलों में पुराने संबंध हैं। हमने खेलों में कोचिंग और खिलाड़ियों के आदान प्रदान के साथ-साथ, खेल विज्ञान, मनोविज्ञान और चिकित्सा विज्ञान में भी सहयोग पर बल दिया है। और वर्ष 2026 में, दोनों देशों के बीच खेल संबंधों के 100 साल मनाने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा, “न्यूज़ीलैंड में रहने वाला भारतीय समुदाय न्यूज़ीलैंड में सामाजिक और आर्थिक विकास में सकारात्मक योगदान दे रहा है। हमने तय किया है कि कुशल कामगारों की मोबिलिटी को सरल बनाने और अवैध आव्रजन से निपटने के लिए, एक समझौते पर तेजी से काम किया जाएगा। यूपीआई कनेक्टिविटी, डिजिटल भुगतान और पर्यटन बढ़ाने पर भी बल दिया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में हमारे पुराने संबंध हैं। हम न्यूज़ीलैंड के विश्वविद्यालयों को भारत में कैम्पस खोलने के लिए आमंत्रित करते हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ हम दोनों एकमत हैं। चाहे 15 मार्च 2019 का क्राइस्टचर्च आतंकी हमला हो या 26 नवंबर 2008 का मुंबई हमला, आतंकवाद किसी भी रूप में अस्वीकार्य है। आतंकी हमलों के दोषीयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई आवश्यक है। आतंकवादी, अलगाववादी और कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ हम मिलकर सहयोग करते रहेंगे। इस संदर्भ में न्यूजीलैंड में कुछ गैर-कानूनी तत्वों द्वारा भारत-विरोधी गतिविधियों को लेकर हमने अपनी चिंता साझा की। हमें विश्वास है कि इन सभी गैर-कानूनी तत्वों के खिलाफ हमें न्यूजीलैंड सरकार का सहयोग आगे भी मिलता रहेगा।”

उन्होंने कहा कि स्वतंत्र, खुले, सुरक्षित एवं समृद्ध हिन्द प्रशांत क्षेत्र का हम दोनों समर्थन करते हैं। हम विकासवाद की नीति में विश्वास रखते हैं, विस्तारवाद में नहीं। हिन्द प्रशांत महासागरीय पहल से जुड़ने के लिए हम न्यूजीलैंड का स्वागत करते हैं। अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ के बाद, सीडीआरआई से जुड़ने के लिए भी हम न्यूजीलैंड का अभिनंदन करते हैं।

श्री मोदी ने कहा, “अंत में, रग्बी की भाषा में कहूँ तो – हम दोनों अपने संबंधों के उज्ज्वल भविष्य के लिए “फ्रंट अप” के लिए तैयार हैं। हम एक उज्ज्वल साझीदारी के लिए हम एकसाथ आगे बढ़ने और जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है और, मुझे विश्वास है कि हमारी साझीदारी, दोनों देशों के लोगों के लिए, एक मैच विनिंग पार्टनरशिप साबित होगी।”

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