प्रयागराज, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी कुंभ मेले में बुधवार की रात तक़रीबन डेढ़ बजे एक घाट पर भगदड़ मच गयी, जिसमें कई लोगों के हताहत होने की आशंका है। इस हादसे में दर्जनों ज़ख़्मी भी हुए हैं।
प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर हादसे के 10 घंटे बाद भी कोई जानकारी नहीं दी है। पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा-श्रद्धालु संगम पर ही स्नान करने की न सोचें। गंगा हर जगह पवित्र है, वे जहां हैं उसी तट पर स्नान करें।
उधर, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा-महाकुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिए।
भगदड़ के प्रमुख कारण
- अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इसके कारण संगम पर पहुंचने वाली करोड़ों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। जिससे बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ की अफवाह फैल गई।
- संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो लोगों को भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए।
हादसे के बाद 70 से ज्यादा एम्बुलेंस संगम तट पर पहुंचीं। इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। हादसे के बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है। वहां प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है।
महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या का स्नान है, जिसके चलते करीब 9 करोड़ श्रद्धालुओं के शहर में मौजूद होने का अनुमान है। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर आज देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है।
इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।