लखनऊ/नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने वक्फ संशोधन विधेयक पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि यह वक्फ संपत्तियों के लिए लाभकारी होने के बजाय नुकसानदेह होगा। एआईएमपीएलबी के वरिष्ठ कार्यकारी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि एआईएमपीएलबी और अन्य मुस्लिम संगठनों ने विधेयक पर अपनी चिंताओं से संयुक्त संसदीय समिति को अवगत कराया था, लेकिन इस पर विचार नहीं किया गया। इसके बाद, दिल्ली और पटना समेत कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किए गए, जहां प्रदर्शनकारियों ने असहमति दर्ज कराने के लिए सांकेतिक रूप से काली पट्टी बांधी।
उन्होंने कहा कि हमने सभी सांसदों से मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को समझने और प्रस्तावित संशोधनों को खारिज करने का आग्रह किया है। इस बीच, वाराणसी में विभिन्न अदालती मामलों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि विधेयक में कई वक्फ बोर्ड के पहले के कुछ अधिकारों को कम करने का प्रावधान है, जो एक सकारात्मक कदम है। जैन ने कहा कि यह विधेयक वक्फ की परिभाषा में महत्वपूर्ण बदलाव करता है और इसकी अनियंत्रित शक्तियों को सीमित करता है। यह एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन कुछ पहलुओं पर अभी भी ध्यान देने और बहस की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के माध्यम से हमें बहुत राहत मिली है। लेकिन अभी भी बहुत कुछ बाकी है। गलत तरीके से जिन संपत्तियों को वक्फ संपत्ति नामित किया गया, उन्हें वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है। उदाहरण के लिए, किसी अन्य धर्म या न्यास की संपत्ति जो सरकारी संपत्ति नहीं है और जिसे वक्फ संपत्ति नामित किया गया है, उसे वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है।
जैन ने कहा कि उन्होंने उपरोक्त मुद्दों पर कोई प्रावधान नहीं किए जाने के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया है। बरेली में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हम ऐसे किसी भी प्रस्तावित कानून को स्वीकार नहीं कर सकते और न ही हम संवैधानिक ढांचे से परे किसी भी चीज का समर्थन कर सकते हैं। हम लोकतांत्रिक तरीकों से वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करेंगे।
रजा ने कहा कि हम पर वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण करने का आरोप है, लेकिन हमारे पूर्वजों ने अपनी संपत्ति वक्फ के लिए समर्पित की थी। कई शासकों ने भी यही किया, मंदिर बनवाए और संपत्तियां उन्हें दान कर दीं। अब उन्हीं संपत्तियों को छीना जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य मुसलमानों को परेशान करना और उनकी जमीनों पर कब्जा करना है।
उन्होंने कहा कि भाजपा अचानक मुसलमानों की इतनी हितैषी कैसे बन गई? यह मुस्लिम हितों की रक्षा के नाम पर सरासर धोखा है। ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब आज केंद्र सरकार द्वारा संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश कर दिया गया है। विपक्षी दल इस विधेयक का कड़ा विरोध कर रहे हैं और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ तथा मुस्लिम समुदाय के हितों के विरुद्ध बता रहे हैं।
🔴 AIMPLB’s Press Conference on the presentation of Waqf Amendment Bill in Parliament 🔴 संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किए जाने पर AIMPLB की प्रेस कॉन्फ्रेंस #IndiaAgainstWaqfBill | #SayNoToWaqfBill | #RejectWaqfBill | #WaqfBill https://t.co/YmStoHqhdv
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) April 2, 2025