वॉशिंगटन, (वेब वार्ता)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कम कौन सा कदम उठाएं या कब किस को घेर लें कोई नहीं जानता। उनके बयान और उनके आदेश पूरी दुनिया के लिए पेनिक होते जा रहे हैं। उन्होने अपने ही देश के पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। ट्रंप ने लोकसभा चुनाव में मोदी को हराने के लिए बाडडेन करोड़ों की मोटी रकम दे रहे थे। बुधवार रात सऊदी अरब सरकार के प्रायोरिटी समिट को संबोधित करते हुए ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार पर भारत में चुनावी हस्तक्षेप का आरोप भी लगाया।
ट्रंप ने कहा, हमें भारत में वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिलियन डॉलर खर्च करने की जरूरत क्यों है? मुझे लगता है कि जो बाइडेन किसी और को चुनाव में जिताना चाहते थे। हमें भारत सरकार को यह बताना होगा। यह एक बड़ा मामला है।इससे पहले मंगलवार को भी उन्होंने इस मामले पर सफाई दी थी। डोनाल्ड ट्रंप का कहना था कि आज के समय में भारत खुद सक्षम हैं। भारत के पास पैसे की कमी नहीं है। ऐसे में उसे फंड क्यों दिया जाए। उन्होंने कहा था, हम भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत पैसा है। वे दुनिया के सबसे अधिक कर लगाने वाले देशों में से एक हैं। उनके टैरिफ इतने अधिक हैं कि हम वहां व्यापार करने में मुश्किल से प्रवेश कर पाते हैं। मुझे भारत और उनके प्रधानमंत्री के लिए बहुत सम्मान है, लेकिन वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिलियन डॉलर देना कितना सही?व्हाइट हाउस लौटने के कुछ दिनों बाद डोनाल्ड ट्रंप ने सभी विदेशी सहायता पर लगभग पूर्ण रोक लगाने का आदेश दिया। एलन मस्क ने भी डोजी के यूएसएआईडी को बंद करने की योजना का ऐलान किया। इसका वार्षिक बजट 40 अरब डॉलर से अधिक है। यह विशेष रूप से गरीब देशों में विकास, स्वास्थ्य और मानवीय कार्यक्रमों को समर्थन प्रदान करता है।