भोपाल, (वेब वार्ता)। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का दीपावली पर “दियों और मोमबत्तियों पर खर्च फिजूल” वाला बयान अब मध्य प्रदेश तक पहुंच गया है। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने अखिलेश के बयान पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि अखिलेश नाम का व्यक्ति ऐसा बयान दे सकता है, यह आश्चर्यजनक नहीं है। सारंग ने अखिलेश के परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि यादव परिवार ने हमेशा सनातन धर्म का विरोध किया है और हिंदू मतावलंबियों के खिलाफ कार्रवाई की है। उन्होंने 1990 के दशक में बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान कारसेवकों पर गोली चलवाने का जिक्र किया। सारंग ने तंज कसते हुए कहा, “जिस परिवार ने कारसेवकों पर गोली चलवाई है, उनके पेट में दर्द जरूर होगा जब अयोध्या में रामलला के मंदिर में दीप प्रज्वलित होंगे। अपना नाम अंटोनी या अकबर रख लेना चाहिए।”
यह बयान अखिलेश के लखनऊ में दिए बयान पर आया, जिसमें उन्होंने दीपोत्सव पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाते हुए क्रिसमस से तुलना की थी। BJP ने इसे हिंदू परंपराओं का अपमान बताया।
अखिलेश का बयान: ‘क्रिसमस से सीख लो’
अखिलेश ने लखनऊ में कहा, “भगवान श्री राम जी के नाम पर सुझाव देना चाहता हूं। दुनिया में क्रिसमस का समय है, शहर जगमगा जाते हैं, महीनों जगमाते रहते हैं। उन्हीं से सीख लो। क्यों खर्चा करना बार-बार दियों का, मोमबत्तियों का? इस सरकार से क्या उम्मीद? हटाइए इस सरकार को, हम बहुत सुंदर रोशनी कराएंगे।” BJP ने इसे सनातन विरोधी करार दिया।
सारंग का तीखा तंज: ‘पेट में दर्द होगा जब राम मंदिर में दीप जलेंगे’
मंत्री सारंग ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अखिलेश का बयान सनातन धर्म के प्रति उनकी घृणा दर्शाता है। यादव परिवार ने हमेशा हिंदू विरोधी नीतियां अपनाईं। 1990 के दशक में मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोली चलवाई थी। अब अयोध्या में रामलला के मंदिर में दीप प्रज्वलित होंगे, तो उनके पेट में दर्द जरूर होगा। अपना नाम अंटोनी या अकबर रख लेना चाहिए।” सारंग ने प्रजापति समाज का जिक्र किया, जो दियों से रोजगार कमाता है, और कहा कि अखिलेश का बयान उन्हें नुकसान पहुंचाता है।
BJP की अन्य प्रतिक्रियाएं: ‘हिंदू संस्कृति का अपमान’
BJP IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने X पर लिखा, “अखिलेश का बयान सनातन के प्रति असंवेदनशील है। दीपावली प्रकाश का प्रतीक है, न कि फिजूलखर्ची। यह हिंदू संस्कृति का अपमान है।” BJP सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “मौलाना अखिलेश को दीपावली पर लेक्चर न दें।”
VHP नेता विनोद बंसल ने कहा, “दीये बनाने वाले कुम्हार समाज को प्रोत्साहन मिलना चाहिए, न कि अपमान। अखिलेश वेटिकन सिटी जाकर क्रिसमस मनाएं।”
SP का बचाव: ‘फिजूलखर्ची पर सवाल, परंपरा पर नहीं’
SP ने स्पष्ट किया कि बयान फिजूलखर्ची पर था, न कि परंपरा पर। प्रवक्ता ने कहा, “हम दीपावली की परंपराओं का सम्मान करते हैं। सरकार की बर्बादी पर सवाल उठाना जरूरी है।”
यह विवाद अयोध्या दीपोत्सव (22 अक्टूबर, 26 लाख दीयों) के ठीक पहले आया, जो BJP की सांस्कृतिक छवि को मजबूत कर रहा है।