नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारत में उज्बेकिस्तान के राजदूत सरदोर रुस्तमबेव ने गुरुवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया का दौरा किया, ताकि विश्वविद्यालय और उज्बेकिस्तान के प्रमुख संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए रास्ते तलाशे जा सकें। यह दौरा अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच शैक्षिक सहयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जामिया के कुलपति प्रोफेसर मजहर आसिफ ने कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया हमेशा से ही अकादमिक उत्कृष्टता और सांस्कृतिक समझ के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है। हम दोनों देशों के छात्रों और विद्वानों के लिए अवसर पैदा करने के लिए उज्बेक संस्थानों के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं।
सांस्कृतिक आदान-प्रदान पहल के क्रम में, दोनों पक्षों ने भारतीय और उज्बेक विरासत की आपसी समझ को बढ़ावा देने के लिए अकादमिक सम्मेलनों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भाषा कार्यक्रमों के आयोजन पर चर्चा की। सामाजिक विज्ञान, भाषा अध्ययन और अनुसंधान जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग पर विशेष जोर दिया गया जो दोनों देशों के विकास लक्ष्यों के अनुरूप है। शिक्षा एक पुल है जो देशों को जोड़ता है। जामिया के साथ सहयोग करके, हम ऐसे अकादमिक अवसर बनाने की उम्मीद करते हैं जो उज्बेकिस्तान और भारत के छात्रों और शोधकर्ताओं को समान रूप से लाभान्वित करेंगे।