52 टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायतों के प्रधानों व 6 निक्षय मित्रों को किया गया सम्मानित
कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत और प्रधानमंत्री टी बी मुक्त भारत अभियान के तहत आज जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज, मुख्य विकास अधिकारी गुंजन द्विवेदी द्वारा 52 टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायतों के प्रधानों, 6 निक्षय मित्रों को प्रशस्ति पत्र सहित महात्मा गांधी जी की प्रतिमा देकर कलेक्ट्रेट सभागार में सम्मानित किया गया। इस अवसर पर 5 टी.बी. रोगियों को न्यूट्रिशन युक्त पोषण पोटली वितरित कर उन्हें गोद लिया गया। उन्हें निक्षय मित्र योजना के अंतर्गत पोषण पोटली प्रदान करते हुए न्यूट्रिशन से भरपूर सामग्रियां प्रदान की गई।
जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज द्वारा न्यूट्रिशन युक्त पोषण पोटली प्रदान करते हुए समस्त टी बी रोगियों के उज्जवल भविष्य की कामना भी किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि पोलियो की भांति टी.बी. को भी विस्तृत अभियान चलाकर प्रदेश सहित भारत को टी बी मुक्त बनाना है। यह तभी संभव होगा जब समाज के प्रत्येक वर्ग इस अभियान में जुड़कर अपना सहयोग प्रदान करेंगे। खासकर ग्राम पंचायतों के निर्वाचित जन प्रतिनिधि ग्राम प्रधान गण, शिक्षकगण, चिकित्सकगण, के साथ साथ अधिकारीगण भी इसमें बढ़ चढ़ कर अपनी भूमिका निभा सकते है। ग्राम प्रधान अपने क्षेत्र के व्यक्ति जिनमें टीबी के लक्षण दिखे उनकी जाँच एवं उपचार अपने नजदीकी सरकारी अस्पतालों में कराते रहे और प्रयास करे कि आप का ग्राम पंचायत टीबी मुक्त रहे। 99 % टीबी फेफड़े की होती है, जिसका इलाज संभव है। चिकित्सकों के परामर्श के अनुसार पूरा दवा का कोर्स लें। चिकित्सक खासकर ओ.पी.डी. के समय रोगियों के इलाज के दौरान टी बी लक्षण वाले मरीजों का चिन्हांकन करें और आवश्यतानुसार दवाएं उपलब्ध कराए, उनका सहयोग करें। उन्होंने ने कहा कि एक समय था जब टीबी एक गंभीर बीमारी हुआ करती थी लेकिन आज इसका इलाज संभव है। उन्होंने ग्राम प्रधानों तथा उपस्थित समस्त अधिकारियों कर्मचारियों से कहा कि अगर आसपास आपके ग्राम समाज में किसी को लंबे समय से बुखार और खांसी है तो उसे तत्काल निकटतम अस्पताल में भर्ती कराए, जिससे उसका इलाज ससमय हो सकेगा। जो टीबी के मरीज है अगर उन्हें पौष्टिक आहार प्रोटीन युक्त सही समय से मिलते रहेगा तो उनकी प्रतिरोधक क्षमता शीघ्र बढ़ जाएगी एवं वह पूर्व की भांति स्वस्थ हो जाएंगे। निक्षय मित्रों से उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति टीबी के मरीजों को गोद ले रहे हैं उनकी दवाओं के साथ-साथ पौष्टिक आहार का भी ख्याल रखें यह ध्यान रहे की टीबी के मरीज दवा का पूरा कोर्स ले बीच में दवा खाकर छोड़े नहीं। जन सहभागिता कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु बेहद आवश्यक है। अपने इर्द-गिर्द साफ सफाई रखें तथा स्वच्छ पेयजल का उपयोग करें जल जनित रोगों से बचें घर के आसपास कूड़े इकट्ठे ना होने दें।
उन्होंने कहा कि टीबी के जीवाणु लगभग सबके शरीर में विद्यमान होते है। जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उन पर यह ज्यादा और त्वरित गति से क्रियाशील होकर प्रभाव दिखाते है। अतः अपने दैनिक खानपान का विशेष ध्यान रखे। पौष्टिक आहार भोज्य पदार्थों के रूप में ग्रहण करें। टीबी रोगियों को भारत सरकार द्वारा 6 महीने के उपचार के दौरान धनराशि सहित पौष्टिक आहार स्वस्थ बनाने हेतु दिया जा रहा है।उन्होंने ग्राम प्रधानों, शिक्षकों, चिकित्सकों एवं जनप्रतिनिधियों से अपील किया कि जनपद में चलाये जा रहे टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में सहयोग दे ताकि जनपद सहित प्रदेश एवं देश को टीबी मुक्त बनाया जा सके।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान पूरे प्रदेश भर में चल रहा है जो मरीज इस रोग से ग्रसित हैं उन्हें पोषण से युक्त खाद्य सामग्री दें। केवल पोषण पोटली देना एकमात्र कार्य ही नहीं है अपितु यह विशेष ध्यान दें कि वे समय से दवा ले रहे हैं या नहीं । आप उनके अभिभावक के रूप में उपस्थित होकर कार्य करें।
सीएमओ ने कहा कि जनपद में चल रहे टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में कार्यरत सभी कर्मियों का सहयोग सराहनीय है।