फरीदाबाद, (वेब वार्ता)। प्रयागराज में जहां करोड़ों श्रद्धालु संगम स्नान का धर्म लाभ प्राप्त कर रहे हैं, वहीं सूरजकुंड की धरती पर भारत की विविध संस्कृति के संगम तट पर पर्यटकों का हुजूम उमड़ रहा है। मेला समापन से एक दिन पहले शनिवार तक 16 लाख 10 हजार पर्यटक इस अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में शिरकत कर चुके हैं। जिसे देखते हुए सूरजकुंड मेले को अब शिल्प महाकुंभ की संज्ञा दी जा रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तथा पर्यटन मंत्री डा. अरविंद कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित किए गए 38 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में इस बार पर्यटकों ने पिछले साल का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। विगत साल आयोजित हुए इस मेले में 13 लाख 15 हजार पर्यटक आए थे, इस बार इनकी संख्या शनिवार तक 16 लाख 10 हजार तक पहुंच गई है। कला एवं संस्कृति के इस अनूठे संगम पर भारत के विभिन्न राज्यों से आए कलाकार तो अपनी पारंपरिक प्रस्तुतियां दे ही रहे हैं, विदेशों से आए कलाकार भी बड़ी चौपाल पर प्रथम दिवस से लगातार रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। सूरजकुंड शिल्प मेला एनसीआर क्षेत्र में पर्यटकों की पहली पसंद बन चुका है। इसके अलावा हरियाणा के विभिन्न जिलों, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड आदि राज्यों से भी लोग यह मेला देखने के लिए आ रहे हैं। मेले में पर्यटकों तथा शिल्प कारीगरों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, हरियाणा सरकार द्वारा इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है। पर्यटन मंत्री डा. अरविंद शर्मा स्वयं मेला मैनेजमेंट पर निगरानी रखे हुए हैं। सुरक्षा के लिए यहां कदम-कदम पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। पुलिस कंट्रोल रूम में इन कैमरों से मेले में हो रही गतिविधियों पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। सुबह से रात तक पुलिस कर्मचारी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी संभाले हुए हैं। जनसुविधाओं का यहां अच्छा प्रबंध किया गया है। रविवार 23 फरवरी की शाम को मेले का समापन होने से पहले पर्यटकों की संख्या का नया रिकॉर्ड कायम हो सकता है।
शिल्प महाकुंभ के रूप में सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेले की बनी अमिट पहचान
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