चंडीगढ़, 16 अप्रैल (वेब वार्ता)। जेलों से उगाही की कॉल, मोबाइल बरामदगी व ऐसे मामलों में दर्ज की गई एफआईआर का ब्योरा पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व यूटी प्रशासन को 30 अप्रैल तक सौंपने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान हरियाणा की जेलों की तारीफ करते हुए कहा कि जेलों को सुरक्षित रखना पंजाब सरकार को हरियाणा से सीखना चाहिए।
सोमवार को मामले की सुनवाई आरंभ होते ही हाईकोर्ट ने जेलों को लेकर आंकड़ों पर जवाब मांगा तो पंजाब सरकार व अन्य पक्षों ने इसके लिए समय देने की अपील की। हाईकोर्ट ने कहा कि आखिर क्यों जेलों से उगाही की कॉल कम नहीं हो रही हैं, क्या अभी भी जेलों से उगाही और फिरौती का रैकेट चल रहा है।
आखिर क्यों आंकड़े उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे हैं। जब भी फिरौती और उगाही का कोई मामला सामने आता है तो पंजाब और यहां की जेलों का जिक्र होता है। आखिर यह सब पंजाब की जेलों में क्यों होता है।
हाईकोर्ट ने कहा कि यह सीधे तौर पर सुरक्षा में चूक का मामला बनता है। हरियाणा में ऐसा नहीं होता है। आप हरियाणा से क्यों नहीं सीख लेते कि जेलों को कैसे सुरक्षित रखना है। हाईकोर्ट ने अब हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ को आदेश दिया है कि अगली सुनवाई पर बताया जाए कि जिलों में मोबाइल फोन मिलने के कितने मामला सामने आए हैं, इन मामलों में क्या कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही यह भी बताया जाए कि जेलों से उगाही या फिरौती के कितने मामले सामने आए हैं, इनमें क्या कार्रवाई हुई और वर्तमान स्थिति क्या है।
हाईकोर्ट हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ की जेलों की सुरक्षा को लेकर संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रहा है। इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई के हिरासत में हुए इंटरव्यू को लेकर हाईकोर्ट एसआईटी गठित कर चुका है।