नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद सुर्खियों में हैं। वजह है उनका भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा को लेकर दिया गया बयान। दरअसल, शमा ने रोहित शर्मा को एक्स पर किए गए अपने एक पोस्ट में मोटा कह दिया। इसके बाद से ही उनकी टिप्पणी को लेकर विवाद छिड़ा है। भाजपा ने इसे लेकर शमा के साथ-साथ पूरी कांग्रेस को निशाने पर ले लिया और राहुल गांधी तक पर तंज कसा।
शमा मोहम्मद ने अपनी टिप्पणी को लेकर सफाई देने की भी कोशिश की है। हालांकि, सोशल मीडिया पर उनके बयान की आलोचना जारी है। ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर शमा मोहम्मद का वो क्या पोस्ट था, जिस पर विवाद शुरू हुआ? भाजपा-कांग्रेस ने इस मुद्दे पर क्या कहा? शमा मोहम्मद कौन हैं? राजनीति में आने से पहले वह क्या करती थीं? सियासत में उनकी एंट्री कैसे हुई और इससे पहले वह किन विवादित बयानों को लेकर राजनीतिक दलों के निशाने पर रही हैं? आइये जानते हैं…
पहले जानें- क्या है पूरा मामला?
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने रविवार को भारत और न्यूजीलैंड के मैच के दौरान सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया। इस पोस्ट में कांग्रेस नेता ने लिखा कि ‘रोहित शर्मा एक मोटे खिलाड़ी हैं! उन्हें अपना वजन कम करने की जरूरत है। बेशक वह भारत के अब तक के सबसे बेअसर कप्तान हैं।’
डॉ. शमा मोहम्मद के इस पोस्ट पर यूजर्स भड़क गए। एक पाकिस्तानी खेल पत्रकार ने भी कांग्रेस नेता के इस पोस्ट पर नाराजगी जाहिर की और रोहित शर्मा को विश्वस्तरीय खिलाड़ी बताया। हालांकि, कांग्रेस नेता फिर भी नहीं मानी और उन्होंने फिर से रोहित की आलोचना की और रोहित शर्मा को एक औसत दर्जे का कप्तान बताया और कहा कि वे सिर्फ भाग्यशाली हैं कि वे भारतीय टीम के कप्तान हैं।
शमा के पोस्ट पर छिड़ा राजनीतिक विवाद
कांग्रेस प्रवक्ता की टिप्पणी पर भाजपा ने भी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने तंज कसते हुए लिखा कि कांग्रेस अब चाहती है कि राहुल गांधी क्रिकेट खेलें। प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए। अब वे भारतीय क्रिकेट टीम पर निशाना साध रहे हैं। क्या वे चाहते हैं कि राजनीति में असफल रहने के बाद अब राहुल गांधी क्रिकेट खेलें!’
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, “जो लोग राहुल गांधी की कप्तानी में 90 चुनाव हार चुके हैं, वह रोहित शर्मा की कप्तानी को अप्रभावी बता रहे हैं। मुझे लगता है कि दिल्ली में छह शून्य और 90 चुनावी हारें काफी प्रभावी हैं, लेकिन टी20 विश्वकप जीतना नहीं। वैसे रोहित शर्मा का कप्तानी में जबरदस्त ट्रैक रिकॉर्ड है।” दूसरी तरफ भाजपा नेता और दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिरसा कहा कि कांग्रेस की आधिकारिक प्रवक्ता का इस तरह का बयान शर्मनाक है। यह कांग्रेस का बयान है। उन्हें लगता है कि हर काम के लिए सिर्फ एक व्यक्ति ही फिट है और वह है राहुल गांधी। वहीं, कांग्रेस ने शमा के इस पोस्ट को उनका निजी विचार बताया। पार्टी के मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
शमा ने पोस्ट डिलीट किया, दी सफाई
कांग्रेस नेता डॉ. शमा मोहम्मद ने विवाद बढ़ने पर अपना पोस्ट डिलीट किया और इसे लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा कि ‘उनका ट्वीट एक खिलाड़ी की फिटनेस को लेकर सामान्य ट्वीट था। इसमें किसी के मोटापे का मजाक नहीं बनाया गया। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि खिलाड़ी को फिट होना चाहिए और मुझे लगता है कि वे (रोहित शर्मा) थोड़े मोटे हैं। तो मैंने इस बारे में ट्वीट कर दिया। मुझ पर बिना किसी वजह के हमले किए जा रहे हैं। मैंने उनकी पूर्व के कप्तानों से तुलना की और ये मेरा अधिकार है। ये कहने में गलत क्या है? ये लोकतंत्र है।’
अब जानें- कौन हैं शमा मोहम्मद?
शमा मोहम्मद का जन्म 17 मई 1973 को केरल के कन्नूर जिले के चेरुकल्लयी के पास हुआ। यह इलाका न्यू माहे के पास स्थित है। शमा की शुरुआती पढ़ाई कुवैत में हुई है। हालांकि, 1990 में उनका परिवार भारत लौट आया। उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई- बैचलर ऑफ डेंटल साइंसेज मंगलूरू में स्थित येनेपोया यूनिवर्सिटी (1992-97) से पूरी की। शमा ने लंबे समय तक डेंटिस्ट के तौर पर सेवाएं दी हैं। उनकी राजनीति में एंट्री 2015 में हुई। हालांकि, इससे पहले कुछ समय के लिए उन्होंने एक निजी मीडिया ग्रुप में पत्रकार के तौर पर भी काम किया। 2015 में कांग्रेस में शामिल होने के बाद उसी साल जुलाई में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त कर दिया गया। दिसंबर 2018 में कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट का जिम्मा सौंपा। इसके बाद से ही वे अलग-अलग कार्यक्रमों में कांग्रेस का पक्ष रखती नजर आती हैं। हालांकि, इस बीच उनका कुछ मौकों पर विवादों से भी जुड़ाव रहा।
पहले भी विवादों से भी जुड़ा है शमा मोहम्मद का नाम
शमा मोहम्मद का नाम पिछले साल एक विवाद से जुड़ा था। कोझिकोड में लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान केरल पुलिस ने उनके खिलाफ एक कथित नफरती बयान (हेट स्पीच) के लिए केस दर्ज किया था। पुलिस का कहना था कि कुट्टीकत्तूर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा केंद्र की सरकार में लौटती है तो अल्पसंख्यक समुदायों के प्रार्थनास्थल जोखिम में आ सकते हैं। तब पुलिस ने कहा था कि शमा मोहम्मद पर आईपीसी की धारा 153 (दंगे भड़काने की कोशिश) के तहत केस दर्ज हुआ है। इसके अलावा उन पर लोक प्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 (चुनावी मामले में अलग-अलग वर्गों के बीच दुश्मनी पैदा करने) के तहत भी केस दर्ज हुआ था। दोनों मामले चुनाव आयोग की शिकायत पर दर्ज हुए थे। हालांकि, तब शमा मोहम्मद ने कहा था कि उनका मकसद धार्मिक भावनाएं आहत करने का नहीं था और वे अपने बयान पर कायम रहीं।