इस्लामाबाद, 19 मई (वेब वार्ता)। आसमान छूती महंगाई और कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान (Pakistan) अब अपने पड़ोसियों से अच्छे सबंध बनाना चाहता है। पाकिस्तान की संसद में समय-समय पर भारत से रिश्ते दोबारा शुरू करने को लेकर बातें होती रहती हैं। ऐसे ही एक सवाल का जवाब शनिवार को पाक विदेश मंत्री इशाक डार (Ishaq Dar) ने दिया। ‘डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, उनसे पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सांसद शर्मिला फारुकी ने सवाल किया था। इस सवाल में उन्होंने पड़ोसी देशों, खासकर भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों में आने वाली व्यापारिक चुनौतियों के बारे में जानकारी मांगी थी।
पुलवामा के बाद भारत ने लगाया था 200% शुल्क
इस सवाल के जवाब में डार ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान से आयात पर भारत द्वारा ‘भारी शुल्क’ लगाए जाने के कारण दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध 2019 से निलंबित हैं। पाक विदेश मंत्री ने कहा, “पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से आयात पर 200 प्रतिशत शुल्क लगाने का फैसला किया था और कश्मीर बस सेवा तथा सीमापार व्यापार को निलंबित कर दिया था।’’ डार पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री भी हैं। मार्च में लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान डार ने भारत के साथ व्यापारिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए पाकिस्तान के व्यापारिक समुदाय की उत्सुकता पर प्रकाश डाला था। हालांकि, उनके कार्यालय ने बाद में स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान की भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने की कोई योजना नहीं है।
अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पीछे हट गया था पाकिस्तान
भारतीय संसद द्वारा 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को हटा देने के बाद से पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने राजनीतिक रिश्ते कम कर दिये थे। पाकिस्तान ने इस फैसले को दोनों देशों के बीच संबंधों में दरार डालने वाला बताया था। भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों का एक इतिहास रहा है। इसके पीछे पाकिस्तान की तरफ से आने वाला आतंकवाद प्रमुख मुद्दा रहा है।