फिरोजाबाद, (वेब वार्ता)। व्यापारियों को जीएसटी नियमों के तहत नई बिल बुक शुरू करने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। इनकम टैक्स ट्रेड टैक्स बार एसोसिएशन के डायरेक्टर, वरिष्ठ अधिवक्ता कुलदीप मित्तल ने व्यापारियों को सलाह दी है कि उन्हें 1 अप्रैल से अपनी नई बिल बुक शुरू करनी होगी, अन्यथा जीएसटी कानून के तहत 25,000 रुपये तक की पेनल्टी लग सकती है। कुलदीप मित्तल ने बताया कि इस वर्ष के नए नियमों के अनुसार, व्यापारिक प्रतिष्ठान पर फर्म का नाम और जीएसटी पंजीकरण नंबर स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो व्यापारी को 25,000 रुपये की पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, व्यापारियों को बी टू बी विक्री करते समय एचएसएन कोड का उल्लेख करना अनिवार्य किया गया है। एचएसएन कोड न लिखने पर आईटीसी का लाभ रिवर्स हो सकता है और माल के आवागमन में भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मित्तल ने यह भी कहा कि सभी टैक्सेबल व्यापारी अपनी खरीद व आईटीसी का मिलान प्रत्येक माह फार्म 2ए से करते रहें। साथ ही, बिक्रेता व्यापारी को समय से आर1 रिटर्न दाखिल करने के लिए याद दिलाते रहें, ताकि 2ए के आधार पर आईटीसी का लाभ मिल सके। इसके अलावा, व्यापारी को माल के खरीददार से छह महीने के भीतर भुगतान प्राप्त करना आवश्यक है, अन्यथा आईटीसी रिवर्स हो सकता है। एमएसएमई पंजीकृत निर्माता से माल खरीदने पर 15 दिन और आपसी एग्रीमेंट होने पर 45 दिन के भीतर भुगतान करना जरूरी है। कुलदीप मित्तल ने व्यापारी समुदाय से अपील की कि वे जीएसटी के सभी रिटर्न (आर1 या 3बी) समय से दाखिल करें, अन्यथा लेट फीस, ब्याज और पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, यदि वार्षिक टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से अधिक है, तो ई-इनवॉइस जारी करना अनिवार्य है। व्यापारियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि छोटी छोटी बातों का ध्यान रखने से बड़ी परेशानियों से बचा जा सकता है।
वेब वार्ता समाचार एजेंसी
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