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Monday, September 15, 2025
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अपेक्षाओं से अधिक डिलीवरी वाला है यह बजट: मोदी

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले वित्त वर्ष के आम बजट को अपेक्षाओं से अधिक डिलीवरी वाला बताते हुए मंगलवार को कहा कि कई सेक्टर्स ऐसे हैं, जहां विशेषज्ञों ने भी जितनी अपेक्षाएं की थीं, उससे अधिक कदम सरकार ने उठाए हैं।

श्री मोदी ने मंगलवार को बजट के बाद की वेबिनार श्रृंखला की दूसरी कड़ी में लघु एवं मझौल उद्योग विनिर्माण निर्यात और परमाणु ऊर्जा मिशन जैसे विषयों पर चर्चा की। उन्होंने विनिर्माण और निर्यात पर इस बजट वेबिनार को हर दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण बताते हुए कहा “ये बजट, हमारी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट था। इस बजट की सबसे खास बात रही, अपेक्षाओं से अधिक डिलीवरी।”

उन्होंने कहा कि आज दुनिया का हर देश, भारत के साथ अपनी आर्थिक भागीदारी को मजबूत करना चाहता है। देश के विनिर्माण क्षेत्र को इस भागीदारी का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमने आत्मनिर्भर भारत के विजन को आगे बढ़ाया और सुधारों की अपनी गति को और तेज किया। हमारे प्रयासों से अर्थव्यवस्था पर कोविड का प्रभाव कम हुआ, इससे भारत को तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिली।”

श्री मोदी ने कहा कि आज 14 सेक्टर्स को उत्पादकता लिंक्ड प्रोत्साहन योजना का फायदा मिल रहा है। इस योजना के तहत 7.5 करोड़ इकाइयों को मंजूरी दी गई है। इससे 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश आया है, 13 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का उत्पादन हुआ है और पांच लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निर्यात हुआ है।

उन्होंने कहा कि भारत की विनिर्माण यात्रा में शोध और विकास का अहम योगदान है, इसे और आगे बढ़ाने और गति देने की आवश्यकता है। शोध और विकास के द्वारा नवाचारी उत्पादों पर फोकस किया जा सकता है, साथ ही उत्पादों में वैल्यू एडिशन भी हो सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा , “2020 में, हमने एमएसएमई की परिभाषा को संशोधित किया। यह 14 साल बाद किया गया था। इससे यह डर दूर हो गया कि बढ़ते व्यवसायों से सरकारी लाभ नहीं मिल पाएंगे। नतीजतन, एमएसएमई की संख्या बढ़कर छह करोड़ से अधिक हो गई है, जिससे करोड़ों भारतीयों को रोजगार मिल रहा है। इस साल के बजट में, हमने एमएसएमई के विस्तार को आश्वस्त करने के लिए परिभाषा को और संशोधित किया।”

ऋण वितरण के लिए नए तरीके अपनाने की जरूरत बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि इससे एमएसएमई को कम लागत और समय पर ऋण मिल सकेगा। पांच लाख पहली बार उद्यम करने वाली महिलाओं तथा एससी और एसटी उद्यमियों को दो करोड़ रुपये तक का ऋण दिया जाएगा। उन्हें न केवल ऋण की जरूरत है, बल्कि मार्गदर्शन की भी जरूरत है। उद्योगों को उन्हें सहायता देने के लिए मेंटरशिप कार्यक्रम शुरू करने चाहिए।”

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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