कानपुर। 08 मई (वेब वार्ता ) उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक मामला सामने आया है, जहां एलकेजी का एक छात्र शराब के ठेके के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया। जानकर हैरानी होगी की मात्र पांच साल के छात्र ने अपने स्कूल के बगल से ठेके को हटवाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद अब जाकर 4 महीने बाद उसके हक में फैसला आया है।
हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कानपुर आबकारी विभाग को आदेश दिया है कि अब इस ठेके का नवीनीकरण नहीं होगा. हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि जब स्कूल के बगल में ठेका चल रहा था तो इसका हर साल नवीनीकरण कैसे हो रहा था, जबकि नियम है कि किसी भी मंदिर, अस्पताल और स्कूल के बगल में 50 मीटर के दायरे में कोई भी ठेका नहीं चलेगा. फिलहाल, 31 मार्च 2025 के बाद इस ठेके का कोई नवीनीकरण नहीं होगा. मतलब आने वाले समय में स्कूल के बगल से शराब का ये ठेका हट जाएगा।
बता दें कि कानपुर के आजाद नगर में रहने वाले एलकेजी के छात्र अर्थव दीक्षित ने हाईकोर्ट में अपने वकील आशुतोष शर्मा के द्वारा एक याचिका लगाई थी। याचिका में छात्र का कहना था कि मेरा घर और स्कूल पास-पास है। वहीं, बगल में एक देसी शराब का ठेका है। रोज आते-जाते उसके सामने से गुजरना पड़ता है, जहां शराब पीने वालों को भीड़ लगी रहती है और उनकी हरकतों से परेशानी होती है। इसलिए इस ठेके को यहां से कहीं और शिफ्ट कर दिया जाए. जिससे बच्चों पर इसका गलत असर ना पड़े।मिली जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट में याचिका से पहले छात्र अर्थव ने अपने पिता के द्वारा कानपुर के डीएम, आबकारी विभाग और यूपी के मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी इसकी शिकायत की थी। लेकिन, तब आबकारी विभाग में यह तर्क देकर शराब का ठेका हटाने से इनकार कर दिया था कि ठेका पिछले 30 सालों से वहां पर चल रहा है जबकि स्कूल 2019 में वहां पर खोला गया है।