भोपाल। अपनी मांगों को लेकर देशभर के किसान एक बार फिर से दिल्ली की घेराबंदी करने की तैयारी कर रहे हैं। पूरे देश से किसान ट्रेन, बस, टै्रक्टर व अन्य साधनों से दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। पुलिस ने भी इनको रोकने के लिए कमर कस ली है। किसानों को जाने से रोकने के लिए राज्य में किसानों और किसान नेताओं को हिरासत में लिया जा रहा है। इधर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में में धारा 144 लगाने की घोषणा कर दी गई है इसलिए किसानों को वहां जाने से रोका जा रहा है।
राजधानी दिल्ली में आगामी 16 फरवरी को किसानों का धरना प्रदर्शन प्रस्तावित है। इसके पहले 13 फरवरी को दिल्ली कूच का आव्हान किया गया। 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का ऐलान भी है। इसके लिए प्रदर्शन का आव्हान करने वाले संगठनों से जुड़े किसान भारी संख्या में दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। देश के अलग-अलग इलाकों से किसान दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में भोपाल से तथा भोपाल से होकर भी किसान दिल्ली जा रहे हैं। पुलिस ने इन किसानों पर नजर टिका दी है। प्रदेशभर में ऐसे सैंकड़ों किसानों को पुलिस ने पकड़ा है। बताया जा रहा है कि प्रदेशभर में करीब 150 किसानों को गिरफ्तार किया गया है।
प्रदेश में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा दिल्ली कूच का आव्हान किया गया है। पुलिस ने रविवार रात से ही किसानों की धर पकड़ शुरू कर दी। गिरफ्तार किए गए किसानों को पुलिस थानों में बैठाया गया है। प्रदेश की राजधानी भोपाल के साथ ही इंदौर, ग्वालियर, नर्मदापुरम आदि जगहों पर किसान नेताओं को पुलिस ने रोका है। किसान नेता शिवकुमार कक्का का कहना है कि 300 किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
सपंर्क क्रांति एक्सप्रेस से 50 किसानों को उतारा
भोपाल की बजरिया पुलिस को सूचना मिली थी कि कर्नाटक से दिल्ली की ओर जा रही संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से किसानों एक जत्था सफर कर रहा है। सभी किसान दिल्ली जा रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस भोपाल रेलवे स्टेशन पर पहुंची तथा किसानों को ट्रेन से नीचे उतार लिया। बजरिया थाना प्रभारी जीतेन्द्र गुर्जर ने बताया ट्रेन से उतारे गए सभी किसानों को अलग-अलग स्थानों पर ठहरा दिया गया है। उन्हें उनके घर वापस भेजा जाएगा।
दिल्ली में प्रदर्शन करने वाले संगठनों में से एक संयुक्त किसान मोर्चा का आरोप है कि किसानों को धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है। यह शांतिभंग करने की धारा है। किसानों को जमानत भी नहीं दी जा रही है। किसान संगठनों ने इसे अलोकतांत्रिक एवं संविधान विरोधी कार्रवाई करार दिया है। किसान नेता शिवकुमार कक्का को भोपाल में, आराधना भार्गव को मुलताई में, अनिल यादव को एमपी नगर भोपाल में, रामनारायण को कुरेरिया को जबलपुर में तथा शत्रुघ्न यादव को ग्वालियर में रोक दिया गया है।