Saturday, July 27, 2024
Homeराज्यमध्य प्रदेशमौत का दूत बनाबिरला हॉस्पिटल एवम रिसर्च इंस्टीट्यूट

मौत का दूत बनाबिरला हॉस्पिटल एवम रिसर्च इंस्टीट्यूट

अपात्र चिक्तसक द्वारा उपचार करने एवम एक्सपायर दवाएं देने से मरीज की मौत के मामले में जिला उपभोक्ता न्यायालय मुरैना का फैसला, मरीज के परिजनों का 8 लाख देने के आदेश

-मुकेश शर्मा/वेब वार्ता न्यूज (9617222262)

ग्वालियर/मुरैना। बिरला अस्पताल एवम रिसर्च इंस्टीट्यूट का विवादों से पुराना नाता है या यूं कहा जाए कि बिरला अस्पताल अस्पताल नहीं मरीजों का कत्लगाह है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि बिरला अस्पताल में मरीजों से लूटके मामले आए दिन आते रहते है लैकिन जिला प्रशासन और चिकत्सा विभाग आंखों पर पट्टी बांध धृतराष्ट बना हुआ है। शायद चांदी की चमक ने सभी का मुंह बंद कर रखा है, तभी बिरला अस्पताल द्वारा लूट का सरेआम खुला खेल खेला जा रहा है। ताजा मामला मुरैना जिला उपभोक्ता न्यायालय द्वारा दिए गए एक फैसले से जुड़ा है जिसमें उपभोक्ता न्यायालय ने पिता की मौत के लिए पुत्र को 8 लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने का आदेश बिरला हॉस्पिटल को दिया।

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग मुरैना के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शर्मा सदस्य राकेश शिवहरे एवं निधि कुलश्रेष्ठ द्वारा दिनांक 31/5/2024 को शिकायतकर्ता अतुल गुप्ता निवासी मुरैना के पिता वासुदेव प्रसाद की बी आई एम आर हॉस्पिटल ग्वालियर में दिनांक 28 /08/2017 को हुई मृत्यु के लिए जिम्मेदार मानते हुए 800000 (आठ लाख रुपए) की छतिपूर्ति एवं 8000 रुपए अन्य मदों में देने का आदेश पारित किया है।

मुरैना निवासी अतुल गोयल द्वारा दिनांक 20/08/2017 को अपने पिता को बीआईएमआर हॉस्पिटल ग्वालियर में उल्टी एवं पेट में दर्द होने की शिकायत के साथ भर्ती किया गया था। जांच में प्रार्थी के पिता को हर्निया पाया गया था, जिसकी सर्जरी डॉक्टर दीपक प्रधान द्वारा की गई थी किंतु ड्यूटी डॉक्टर के रूप में अपात्र व्यक्ति कार्य कर रहे थे एवं एक्सपायरी डेट की दवाएं रोगी को दी गई थी तथा सर्जरी के पश्चात पोस्ट ऑपरेटिव केयर न करने से दिनांक 28/08/2017 को सुबह रोगी को उल्टी आई जो उसकी स्वांस नली में चली गई जिसे निकालना एवं उपचार देने के लिए कोई भी पात्र चिकित्सक बिरला हॉस्पिटल में नियुक्त नहीं था जिस चिकित्सक द्वारा रोगी के डेथ के नोट्स बनाए थे एवं अन्य अवसरों पर उपचार दिया था उस व्यक्ति/चिकित्सक को सामान्य अंग्रेजी का भी ज्ञान नहीं था।

डेथ नोट्स में अपात्र चिकित्सक ने Aspirate- Exprate, O2 support – O2 Sport, pupils dilated -pipil Delete, आदि गलत स्पेलिंग लिखी गई जो कि उसके अपात्र होने को स्पष्ट दर्शाता था उक्त चिकित्सक का कोई शपथ पत्र या योग्यता प्रमाण पत्र भी बिरला अस्पताल प्रशासन द्वारा आयोग के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया था। रोगी की सर्जरी करने से पूर्व कोई सहमति भी नहीं ली गई थी एवं कॉम्प्लिकेशन की भी जानकारी प्रदान नहीं की गई, रोगी को उपचार के दौरान एक्सपायरी डेट की दवाएं बिल जारी किए गए थे, उपरोक्त तथ्यों के आधार पर आयोग द्वारा बिरला हॉस्पिटल को दोषी पाया है आदेश की प्रतिलिपि मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजने तथा अस्पताल के विरुद्ध उच्च स्तरीय जांच कर आयोग को सूचित करने के लिए भी निर्देशित किया गया है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमारे बारें में

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments