-बैतूल जिले शराब कारोबारियो की तिकड़ी का बना सिंडीकेट कर रहा मनमानी
बैतूल, 12 अप्रैल (दयाराम पावर)। बैतूल जिले में 31 मार्च 2024 की रात्री 12 बजे के बाद से बैतूल जिले के 19 समूह की 64 दुकानो पर अप्रेल माह 2024 की 12 तारीख हो चुकी है लेकिन किसी भी शासकीय मदीरा दुकान पर न तो रेट लिस्ट लगी हुई है और न ही उपभोक्तओ को उनके द्वारा भुगतान कर प्राप्त की गई सामग्री का कोई बिल या पर्चा तक नहीं दिया जा रहा है। जिले में एमआरपी से अधिक और एमएसपी से कम मुल्य में बड़े पैमाने पर गांव की गलियो से लेकर नगरीय क्षेत्रो के चौक चौराहो पर शासकीय देशी-विदेशी मदीरा की दुकानो पर मेरी मर्जी से कारोबार संचालित हो रहा है। जिले के किसी भी जिम्मेदार अधिकारी से लेकर कर्मचारियो ने इन दुकानो पर जाकर यह जानने की कोशिस तक नहीं की है कि कौन सी मदीरा किस रेट पर बेची जा रही है।
बीते दिनो नई शराब नीति के तहत सरकार को देशी एवं विदेशी मदिरा की दुकानें नीलाम करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। नई नीति के मुताबिक 10 प्रतिशत मूल्य वृद्धि के साथ वर्तमान ठेकेदारों से प्रस्ताव मंगाए गए थे, लेकिन बैतूल जिले के आबकारी ठेकेदारों ने अपना सिंडीकेट बना कर एक सोची-समझी रणनीति के तहत मूल्य वृद्धि को नकारते हुए आबकारी विभाग को कोई प्रस्ताव नहीं दिया। नतीजा यह निकला कि आबकारी विभाग ने दोबारा टेंडर निकालकर शराब दुकानें नीलाम करने की कोशिश की थी, लेकिन सिंडीकेट के आगे किसी की भी नहीं चली और आबकारी विभाग के तथाकथित सारे प्रयास सफल नहीं हो पाए। दूसरी बार भी प्रस्ताव नहीं आने से विभाग में ई टेंडर के माध्यम से शराब दुकानों में टेंडर मंगाए। जिसमें 6 रुप के लिए 57 करोड़ 76 लाख के प्रस्ताव आए। मार्च माह के बीते शनिवार को ई.टेंडरिंग के माध्यम से जिले की 19 समूहों की देशी-विदेशी शराब दुकानों में से मात्र 6 समूह के लिए प्रस्ताव आए थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिन दुकानों के प्रस्ताव विभाग को मिले हैं उसमें बैतूल, गंज, बैतूलबाजार, चिचोली, सांवलमेंढा, बोरदेही, सारनी समूह की दुकानें शामिल है। इन 6 दुकानों के लिए टेंडर मूल्य 56 करोड़ 57 लाख निर्धारित था जिसके एवज में आबकारी विभाग को करीब 57 करोड़ 76 लाख के प्रस्ताव मिले थे। आबकारी विभाग के सूत्रों के मुताबिक बैतूल जिले की 64 देशी.विदेशी शराब दुकानों के 19 समूहों के लिए शासन ने 210 करोड़ रूपये आरक्षित मूल्य तय किया था। जिसके तहत शराब दुकानों के समूह के नवीनीकरण के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी। परन्तु ठेकेदारों द्वारा रिन्यूवल करवाने में दिलचस्पी नहीं ली गई। इसलिए शराब दुकानों के 19 समूहों के ऑक्शन के लिए ऑनलाइन टेंडर बुलवाये गये थे। जिसके आज 18 मार्च को टेंडर ओपन किये गए। इसमें 19 में से 6 समूह पर आरक्षित दर से अधिक मूल्य प्राप्त हुए हैं।
चिचोली रितेश मालवीय ने आरक्षित दर 10 करोड़ 46 लाख 67 हजार 751 रुपए के विरुद्ध 10 करोड़ 56 लाख 5650 1 रुपए में चिचोली समूह की दुकानो को टेण्डर पा लिया। बैतूल बाजार समूह में सुनीता शिवहरे ने 9 करोड़ 47 लाख, 10 हजार 164 के विरुद्ध 9 करोड़ 71 लाख रुपए की रकम प्रस्तावित की। सारणी समूह की दुकानों के लिए सचिन मालवीय ने 8 करोड़ 70 लाख 10 हजार के विरुद्ध 8 करोड़ 83 लाख 33 हजार 333 का मूल्य ऑफर किया। इसी तरह बोरदेही समूह सुनीता शिवहरे द्वारा 4 करोड़ 96 लाख, 10 हजार के विरुद्ध 5 करोड़ 12 लाख रुपए ऑफर किया है। जबकि, सांवलमेंढा ग्रुप में विनोद इंगले द्वारा 2 करोड़ 77 लाख 21 हजार 99 के विरुद्ध 2 करोड़ 92 लाख रु आफर किए। ये सभी समूह आरक्षित मूल्य से अधिक आफर किए जाने पर स्वीकृत करवाने में आबकारी विभाग एक जिम्मेदार अधिकारी दिल चस्पी नहीं दिखाई। जिले में सौ मे से 55 प्रतिशा दुकानो में श्रीमती सुनिता शिवहरे, श्री अजय सिंह ठाकुर तथा रीतेश मालवीय ने सिंडीकेट बना कर दुकाने प्राप्त करके के बाद इन दुकानो आज दिनांक तक न तो रेट लिस्ट लगाई और न ही उपभोक्ताओ को बेची गई देशी-विदेश मदीरा का बिल बाऊचर पर्चा तक नहीं दिया जा रहा है। बिल मांगने पर उपभोक्ताओ को डराया-धमकाया जा रहा है।
बैतूल जिले में पुराने समूह एवं दुकाने जो कार्यरत है उनमें कोठी बाजार, प्रताप वार्ड, शाहपुर, सारणी, बोरदेही, मुलताई, आठनेर, चिचोली, पंखा, की दुकाने रिपीट हुई है शेष दुकाने के टेण्डर पास होने के बाद 1 अप्रेल 2024 से शुरू हो गई। सबसे चौकान्ने वाली बात यह सामने आई है कि जिले की सभी 64 देशी-विदेशी मदीरा की दुकानो पर लोकसभा के चुनावी माहौल में रेटलिस्ट का टंगा न होना तथा प्रतिदिन बिकने वाली देशी-विदेशी मदीरा का बिल कटना और बिल उपभोक्ता को किस मूल्य पर किस बैच नम्बर की कौन सी मदीरा बेची गई उसका विवरण बिल में दिया जाता है। अनेक उपभोक्तओ ने आरोप लगाया कि बिल मांगने पर मदीरा दुकान के सेल्समेन डराते-धमकाते है और कहते है कि पता नहीं है तुम्हे किसकी दुकान है। डरा-धमका कर देशी-विदेशी मदीरा की दुकानो से उपभोक्ताओ को भगाना उनके उपभोक्ता संरक्षण अधिकारो का हनन है।
बैतूल जिले में बड़े पैमाने पर एम आर पी से अधिक एवं एम एस पी से कम मूल्य पर देशी-विदेशी मदीरा बेचने की शिकायत आबकारी विभाग के निरीक्षक से लेकर जिला आबकारी अधिकारी तक को है लेकिन जिला आबकारी अधिकारी शराब कारोबारियो के सिंडीकेट से ज्यादा उनके भाजपाई होने से बेहद डरा हुआ जान पड़ता है। उल्लेखनीय है कि आबकारी विभाग के तीन ठेकेदारो द्वारा बनाए गए सिंडीकेट में एक रीतेश मालवीय की श्रीमति चिचोली में भाजपा शासित नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष है तथा दुसरे सदस्य अजय सिंह ठाकुर पांढ़ुर्णा निवासी हाल ही में कांग्रेस के कमलनाथ का साथ छोड़ कर भाजपा के कमल की छांव में आ गए। तीसरी सदस्य महिला है लेकिन उनके पति शराब कारोबारी से जुड़े व्यक्तिहै।