-मिनी हाईवे से 2 मीटर की दूरी पर बीआरसी ने कैसे दी अनुमति जांच का विषय
सारनी, 13 अप्रैल (दयाराम पवार)। पिछले साल बीआर सी के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर के माध्यम से 24 स्कूलों की अनुमति निरस्त कर दी गई थी। उन 24 स्कूलों को ले देकर बीआरसी, शिक्षा विभाग के माध्यम से अनुमति दी गई है। यह जांच का विषय बना हुआ है, इससे भी आश्चर्य की बात तो यह है कि घोड़ाडोगरी के बीआरसी अधिकारी पीसी घोष के माध्यम से जिन स्कूलों को पिछले सत्र में अनुमति देने से मना कर दिया था उन स्कूलों को पीसी घोष के माध्यम से अनुमति कैसे दी गई है यह कलेक्टर को जांच करानी चाहिए। जिला शिक्षा विभाग और बीआरसी घोड़ाडोंगरी की कार्य प्रणाली नर्सरी से लेकर नर्सरी वन,नर्सरी 2 की अनुमति दिए जाने में काफी गोलमाल दिखाई दे रहा है।
बालकृष्ण हाई सेकेंडरी स्कूल के माध्यम से जिस स्थान पर पहले मारुति का शोरूम था उस स्थान पर नर्सरी से के जीवन केजीटू के बच्चों का स्कूल खोलने का काम किया जा रहा है। जिस स्थान पर यह स्कूल खोला जा रहा है वहां से बैतूल से परासिया हाईवे केवल 2 मीटर की दूरी पर है। यदि नन्हे मुन्ने बच्चों के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो बालकृष्ण हाई स्कूल के संचालक के अलावा बीआरसी घोड़ाडोगरी के अधिकारी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए।कलेक्टर को यह जांच करानी चाहिए कि जिन 24 स्कूलों में पहले मापदंड तय था किस आधार पर उनके माध्यम से अनुमति निरस्त की गई थी और इस शिक्षा सत्र में बीआरसी घोड़ाडोगरी शिक्षा विभाग बैतूल के माध्यम से उन 24 स्कूलों को किन मापदंड के तहत अनुमति प्रदान की गई है। इसको लेकर शंका उत्पन्न हो रहा है।
घोड़ाडोगरी बीआर सी और शिक्षा विभाग के कई जिम्मेदार अधिकारियों के माध्यम से ले देकर इन स्कूलों को अनुमति आंख बंद करके दी जा रही है। जहां पहले शोरूम था वहां पर अब बालकृष्ण स्कूल नर्सरी नर्सरी वन नर्सरी टू का संचालन होगा जबकि वहां से खेल मैदान दूसरे स्थान पर होगा। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि घोड़ाडोगरी के बीआरसी अधिकारी पीसी घोष के माध्यम से जिस स्थान पर स्कूल खोला जाना है वहां का स्वयं निरीक्षण किया गया था कि ले देकर अनुमति बालकृष्ण स्कूल को दी गई है।