नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। टोक्यो ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडल विजेता बजरंग पूनिया पर नेशनल एंट्री डोपिंग एजेंसी (NADA) ने पिछले बड़ा एक्शन लिया था। नेशनल एंट्री डोपिंग एजेंसी ने बजरंग पूनिया को अस्थाई तौर पर सस्पेंड कर दिया था। पूनिया ने मार्च में सोनीपत में आयोजित नेशनल ट्रायल्स के दौरान डोप सैम्पल नहीं दिया था, जिसके चलते NADA ने ये एक्शन लिया। लेकिन राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी की अनुशासन पैनल (एडीडीपी) ने पहलवान बजरंग पूनिया को नाडा द्वारा आरोप का नोटिस नहीं दिए जाने तक उन पर लगा अस्थाई निलंबन हटा दिया है।
बजरंग पूनिया को मिली बड़ी राहत
पूनिया ने मार्च में चयन ट्रायल के बाद डोप टेस्ट के लिए नमूना देने से इनकार किया था । नाडा ने 23 अप्रैल को पूनिया पर 23 अप्रैल 2025 तक का प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भी यही कार्रवाई की थी। बिश्केक में हुए एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर के लिये पुरूष टीम के चयन ट्रायल 10 मार्च को सोनीपत में हुए थे और बजरंग हारने के बाद डोप टेस्ट के लिए नमूना दिए बिना स्थान से चले गए थे। उन्होंने तीसरे चौथे स्थान के मुकाबले में भाग भी नहीं लिया था। बजरंग ने अपने वकील के मार्फत अस्थायी निलंबन को चुनौती दी थी। उन्होंने एडीडीपी को अपने जवाब में दोहराया था कि उन्होंने कभी नमूना देने से इनकार नहीं किया, लेकिन वह जानना चाहते थे कि नाडा ने उनके इस सवाल का जवाब क्यो नहीं दिया कि दिसंबर 2023 में उनके नमूने लेने के लिए एक्सपायर्ड किट क्यो भेजी गई थी ।
एडीडीपी ने जारी किया ये आदेश
एडीडीपी ने अपने आदेश में कहा कि सुनवाई पैनल की राय है कि इस स्तर पर जब एथलीट को आरोप का नोटिस जारी किया जाना बाकी है और नमूना देने से इनकार करने के लिए एथलीट द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण/औचित्य के गुण-दोष पर विचार किए बिना और नाडा की ओर से पेश वकील की दलील का जवाब दिए बिना, एथलीट का अस्थायी निलंबन तब तक के लिए रद्द किया जाता है जब तक कि नाडा एथलीट को डोपिंग निरोधक नियम, 2021 के उल्लंघन के लिए औपचारिक रूप से आरोप लगाने का नोटिस जारी करने का फैसला नहीं करता।