Monday, November 10, 2025
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संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में महिलाओं की भागीदारी बढाना जरूरी: मुर्मु

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने महिलाओं के प्रभुत्व वाले संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों की हिंसा कम करने और दीर्घकालिक शांति समझौतों में प्रभावशाली भूमिका का उल्लेख करते हुए इन मिशनों में महिलाओं को अधिक से अधिक शामिल करने को कहा है। ग्लोबल साउथ देशों की महिला शांति सैनिकों के सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के एक समूह ने सोमवार को यहां राष्ट्रपति भवन में श्रीमती मुर्मु से मुलाकात की।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि शांति मिशन में महिलाओं की मौजूदगी इसे और अधिक विविधतापूर्ण तथा समावेशी बनाती हैं। महिला शांति सैनिकों की अक्सर स्थानीय समुदायों तक बेहतर पहुंच होती है और वे महिलाओं और बच्चों के लिए रोल मॉडल के रूप में काम कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं लिंग आधारित हिंसा के समाधान, विश्वास और संवाद को बढ़ावा देने में ज्यादा सक्षम हैं।

श्रीमती मुर्मु ने कहा कि जिन शांति मिशनों में महिलाओं की संख्या अधिक होती है वे हिंसा को कम करने और दीर्घकालिक शांति समझौते हासिल करने में अधिक प्रभावी रहे हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि हम संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में अधिक महिलाओं को शामिल करें।

राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में योगदान के भारत के गौरवशाली इतिहास को याद किया। भारत के 2 लाख 90 हजार से अधिक शांति सैनिकों ने 50 से अधिक संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में सेवा की है। अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए 9 सक्रिय मिशनों में 5000 से अधिक भारतीय शांति सैनिक तैनात हैं जो अक्सर प्रतिकूल परिस्थितियों में कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि भारतीय महिला शांति सैनिक कर्तव्य पूरा करने में सबसे आगे रही हैं। छह मौजूदा संयुक्त राष्ट्र मिशनों में 154 से अधिक भारतीय महिला शांति सैनिक तैनात हैं। वर्ष1960 के दशक में कांगो से लेकर 2007 में लाइबेरिया में पुलिसिंग तक भारतीय महिला शांति सैनिकों ने व्यावसायिकता और आचरण की उच्चतम परंपराओं का प्रदर्शन किया है।

महिला शांति सैनिक “शांति स्थापना में महिलाएँ: एक वैश्विक दक्षिण परिप्रेक्ष्य” विषय पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां आई हैं। इसका आयोजन विदेश और रक्षा मंत्रालय तथा संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र, नई दिल्ली के साथ संयुक्त रूप से किया जा रहा है। सम्मेलन का उद्देश्य ग्लोबर साउथ की महिला अधिकारियों को शांति स्थापना के समकालीन प्रासंगिकता के मुद्दों और शांति स्थापना मिशनों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाना है।

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