नई दिल्ली/काबुल, 1 सितंबर (वेब वार्ता) – अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में बासावुल शहर से 36 किलोमीटर उत्तर में रविवार रात 6.0 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके झटके उत्तरी भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था, और यह 31 अगस्त को यूटीसी समयानुसार शाम 7:17 बजे (भारतीय समयानुसार 1 सितंबर को रात 12:47 बजे) दर्ज किया गया। यह घटना ऐसे समय में हुई जब उत्तरी भारत पहले से ही भारी बारिश और बाढ़ की मार झेल रहा है, जिससे लोगों में डर और चिंता बढ़ गई है।
यह भूकंप उत्तरी भारत के लिए दोहरी मुसीबत बनकर आया है, जहां अगस्त में रिकॉर्ड बारिश ने तबाही मचाई थी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सितंबर में भी सामान्य से अधिक बारिश की चेतावनी दी है, जिसमें फ्लैश फ्लड, भूस्खलन, और क्लाउडबर्स्ट का खतरा बना हुआ है। अब भूकंप के झटकों ने स्थिति को और जटिल कर दिया है।
भूकंप की पूरी जानकारी: कहां और क्या हुआ?
यूएसजीएस के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 6.0 थी, और इसका केंद्र नंगरहार प्रांत में बासावुल से 36 किमी उत्तर में था। कम गहराई (10 किमी) के कारण झटके तीव्र महसूस हुए। अफगानिस्तान में अभी तक किसी बड़े नुकसान या हताहत की खबर नहीं मिली है, लेकिन स्थानीय मीडिया के अनुसार, कुछ इलाकों में इमारतें हिलीं, और लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए।
उत्तरी भारत में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में झटके महसूस किए गए। रात के समय लोग बिस्तर से उठकर बाहर भागे। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अपने अनुभव साझा किए, जिसमें एक यूजर ने लिखा: “पहले बाढ़ ने घर उजाड़े, अब भूकंप ने डराया!” विशेषज्ञों का कहना है कि हिंदूकुश क्षेत्र में भूकंप आम हैं, लेकिन इसकी तीव्रता ने चिंता बढ़ा दी है।
बाढ़ का कहर: अगस्त में रिकॉर्ड बारिश, सितंबर में खतरा बरकरार
उत्तरी भारत पहले से ही भारी बारिश की चपेट में है। अगस्त में उत्तर-पश्चिम भारत में 265 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 2001 के बाद सबसे अधिक है। जम्मू में तवी नदी के किनारे बाढ़ से घर तबाह हो गए, जबकि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से 36 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, 27 अगस्त को भारी बारिश से कम से कम 30 लोग मारे गए और कई लापता हैं।
IMD ने चेतावनी दी है कि सितंबर में बारिश सामान्य से 109% अधिक हो सकती है, जिससे उत्तराखंड, हरियाणा, और पंजाब में फ्लैश फ्लड और भूस्खलन का खतरा है। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा: “यह जलवायु परिवर्तन का असर है, जहां हिमालय क्षेत्र में बारिश की तीव्रता बढ़ रही है।” पहले ही वैष्णो देवी जैसे इलाकों में बाढ़ से यात्री फंसे हुए हैं, और अब भूकंप ने राहत कार्यों को और जटिल बना दिया है।
लोगों पर असर: पहले बाढ़, अब भूकंप का डर
उत्तरी भारत के निवासियों के लिए यह दोहरी मार है। अगस्त में बाढ़ से हजारों लोग बेघर हो गए, फसलें बर्बाद हुईं, और सड़कें बंद हो गईं। अब भूकंप के झटकों ने लोगों की नींद उड़ा दी है। एक स्थानीय निवासी ने कहा: “हम अभी बाढ़ से उबर रहे थे, तभी जमीन हिल गई। क्या हो रहा है इस साल?” सरकार ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि आने वाले दिनों में और प्राकृतिक आपदाएं आ सकती हैं।
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यूजर्स ने #FloodIndia और #Earthquake जैसे हैशटैग के साथ अपनी कहानियां साझा कीं। एक पोस्ट में लिखा गया: “उत्तरी भारत में फ्लैश फ्लड से 30 मौतें, अब भूकंप!” राहत एजेंसियां अलर्ट पर हैं, और लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
भूकंप विशेषज्ञों के अनुसार, हिंदूकुश क्षेत्र टेक्टोनिक प्लेट्स की टक्कर का केंद्र है, जहां बड़े भूकंप आते रहते हैं। हाल ही में 19 अगस्त को 5.2 तीव्रता का भूकंप आया था। IMD ने कहा कि सितंबर में बारिश से जुड़ी आपदाओं के साथ भूकंप का खतरा बढ़ सकता है। लोगों को मजबूत इमारतों में रहने और आपातकालीन किट तैयार रखने की सलाह दी गई है।
यह घटना जलवायु परिवर्तन और भूगर्भीय गतिविधियों के संयोजन को दर्शाती है, जो उत्तरी भारत और अफगानिस्तान जैसे क्षेत्रों को जोखिम में डाल रही है। सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां राहत कार्यों में जुट गई हैं, लेकिन लोगों से सावधानी बरतने की अपील है।
😱 पहले बाढ़, अब भूकंप!
उत्तरी भारत लगातार प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहा है।
कश्मीर से लेकर दिल्ली-NCR तक झटके महसूस किए गए।
6.0 तीव्रता का भूकंप 🌍
📍 बासावुल, अफगानिस्तान से 36 किमी उत्तर
🕒 31 अगस्त | 19:17:34 UTC (12:47 AM IST)
📏 गहराई: 10 किमी#earthquake #DelhiNCR #Flood— Webvarta News Agency (@webvarta) August 31, 2025





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