नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। अमेरिका से भारतीयों की वापसी को लेकर राज्यसभा में आज विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी की। विपक्षी सदस्यों ने यह कहकर सरकार की आलोचना की कि सैन्य विमान में उन भारतीयों को अमानवीय तरीके से भारत लाया गया। हालांकि, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बाद में साफ कर दिया कि 2012 से ही जो एसओपी लागू है, उसी के तहत इन लोगों को भी लाया गया है।
दोपहर दो बजे इस मुद्दे पर राज्यसभा में विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने सरकार की ओर से वक्तव्य दिया, जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने एक बार फिर हंगामा किया। इससे पहले आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी विपक्ष ने हंगामा किया था, जिसके कारण सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित की गई।
इस बार सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर दिया। इस दौरान कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जिस तरीके से हमारे भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर सैन्य विमान से भारत भेजा गया, यह न सिर्फ अमानवीय है बल्कि इससे दुनिया में भारत की छवि भी धूमिल हुई है। उन्होंने पूछा कि अमेरिका में इस तरीके से कुल 7 लाख 25 हजार भारतीय हैं, जिन्हें इसी तरह से वहां से डिपोर्ट करने की योजना अमेरिकी सरकार बना रही है। उन्होंने कहा कि कोलंबिया जैसे देश ने सैन्य विमान से अपने लोगों को भेजने पर ऐतराज जताया और खुद का विमान भेजकर अपने लोगों को वापस ले गया लेकिन हम ऐसा नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि अमेरिकी डिटेंशन सेंटरों में कुल कितने भारतीय रहे हैं, क्या भारत सरकार को इसकी जानकारी है और क्या उन्हें काउंसिल एक्सेस दिया गया है?
डीएमके सदस्य तिरुचि शिवा ने अमेरिका के इस बर्ताव को अमानवीय बताते हुए कहा कि वहां फंसे इस तरह के भारतीयों को लाने के लिए भारत सरकार की क्या योजना है? आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात की और भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया। कोलंबिया ने भी अपनी गरिमा को बनाए रखकर अपना यात्री विमान भेजकर अपने लोगों को ले गया लेकिन यह सरकार यह भी नहीं कर सकी।
आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बार-बार अमेरिका से अपने रिश्तों का बखान करते हैं लेकिन जिस अमानवीय तरीके से भारतीयों को लाया गया, वह तो अमानवीय है लेकिन यहां उतरने पर हरियाणा के लोगों को कैदी वैन में ले जाया गया। यह उससे भी अधिक निंदनीय है। उन्होंने भारत की धरती पर अमेरिकी सेना का विमान जिस तरह से उतरा, उसको लेकर सरकार की आलोचना की। राजद के प्रो. मनोज कुमार झा ने कहा कि इस मामले में भारत सरकार को कितने समय पहले नोटिस मिला और अभी कितने लोग वहां बचे हैं। क्या उन्हें काउंसिल एक्सेस है। अमेरिका के लिए वे घुसपैठिए हो सकते हैं लेकिन वे हमारे नागरिक हैं।
सीपीआई(एम) के डॉ. जान ब्रिटास ने कहा कि सैन्य विमान अत्यंत विषम परिस्थितियों में इस्तेमाल किए जाते हैं। क्या इस मामले में भारतीय मिशन अलर्ट पर है। सपा के प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा कि क्या डिपोर्टेशन से पहले वहां के अधिकारियों से कोई बात हुई? क्या इनकी वहां सम्पत्तियां हैं, जो उन्हें वहां से भारत लाने की इजाजत दी जाएगी। इनके अलावा एआईडीएमके सदस्य डॉ. तम्बी दुरै ने तमिलनाडु से भी लोगों के वहां फंसे होने पर चिंता जताई। सीपीआई के संदोष कुमार पी और एनसीपी (एससीपी) की सदस्य फौजिया खान ने इस चर्चा में भाग लिया और भारत की धरती पर अमेरिकी सैन्य विमान से लोगों को अमानवीय तरीके से लाए जाने की बात कहते हुए इसकी आलोचना की।