आगरा/नई दिल्ली, 28 सितंबर (वेब वार्ता)। राजधानी दिल्ली के श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट-रिसर्च में छात्राओं के यौन उत्पीड़न के मामले में फरार चल रहे स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी को दिल्ली पुलिस ने आगरा से गिरफ्तार कर लिया। वह पिछले दो महीनों से वृंदावन, मथुरा और आगरा के होटलों में छिपता फिर रहा था।
पुलिस ने उसके पास से तीन मोबाइल फोन और एक आईपैड बरामद किया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा और पुलिस उसकी हिरासत की मांग करेगी।
गंभीर आरोप और जांच
4 अगस्त को वसंत कुंज उत्तर थाने में श्री श्रृंगेरी मठ प्रशासक पी.ए. मुरली की शिकायत पर एफआईआर दर्ज हुई थी।
17 छात्राओं ने स्वामी पर अश्लील संदेश भेजने, अभद्र भाषा बोलने और अवांछित शारीरिक संपर्क जैसे गंभीर आरोप लगाए।
छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ महिला अध्यापक और प्रशासक उन्हें चुप रहने के लिए दबाव डालते थे।
पुलिस ने मामले में धारा 75(2)/79/351(2) बीएनएस के तहत केस दर्ज किया है। जांच के दौरान आरोपी के आश्रम और ठिकानों पर छापेमारी की गई और CCTV फुटेज व संस्थान की हार्ड डिस्क जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजी गई।
पुराने मामले और विवाद
चैतन्यानंद के खिलाफ 2009 और 2016 में भी उत्पीड़न और धोखाधड़ी के केस दर्ज हो चुके हैं।
संस्थान के बेसमेंट से बरामद उसकी वोल्वो कार पर नकली राजनयिक नंबर प्लेट लगी हुई थी।
आरोपी दो पासपोर्ट का इस्तेमाल करता था और कई बार प्रधानमंत्री कार्यालय के नाम पर कॉल कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश करता था।
संस्थान की प्रतिक्रिया
श्री श्रृंगेरी मठ ने साफ किया है कि आरोपी के कृत्यों से संस्था का कोई संबंध नहीं है और उसके साथ सभी रिश्ते तोड़ दिए गए हैं। मठ ने प्राधिकारियों से शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की है।
पृष्ठभूमि
ओडिशा निवासी चैतन्यानंद ने ऑनलाइन प्रोफाइल में शिकागो बूथ विश्वविद्यालय से पीएचडी का दावा किया था, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है। वह पिछले 12 वर्षों से वसंत कुंज आश्रम में रह रहा था और खुद को संस्थान का डायरेक्टर/मैनेजर बताता था।