बागपत, (वेब वार्ता)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बागपत के सिंघावली अहीर क्षेत्र में यौन उत्पीड़न की शिकार एक नाबालिग लड़की को पांच हजार रुपये देकर गर्भपात कराने के पंचायत के फरमान को गंभीरता से लिया है। आयोग ने मीडिया में आई रिपोर्ट्स के आधार पर इस मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस देकर एक सप्ताह में पूरे प्रकरण पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
आयोग के मुताबिक मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पंचायत ने नाबालिग की मां से कहा कि वह अपनी बेटी को प्रताड़ित करने वालों से पांच हजार रुपये लेकर उसका गर्भपात करा दे। पीड़ित परिवार को आदेश का पालन नहीं करने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। आयोग ने पाया कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सच है, तो यह पीड़ित के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। यह वास्तव में दर्दनाक है कि ग्राम पंचायत ने नाबालिग लड़की की रक्षा करने के बजाय समाज के एक साधन संपन्न वर्ग के बदमाशों के साथ मिलकर एक गैरकानूनी कृत्य किया।
आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी से रिपोर्ट में एफआईआर की स्थिति और दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के साथ-साथ पीड़िता के स्वास्थ्य की स्थिति और उसे दिए गए मुआवजे के बारे में भी जानकारी मांगी है। बता दें कि पीड़िता के परिवार ने पुलिस में शिकायत की थी कि उसके गांव का एक व्यक्ति ने दिसंबर, 2023 में जबरदस्ती घर में घुसकर उसके साथ बलात्कार किया था।
शिकायत करने पर उसकी मां, भाई और बहन को जान से मारने की धमकी दी गई थी। इसके बाद पीड़िता के साथ कई बार दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती हो गयी। जब पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया, तो उन्हें रोक दिया गया और पंचायत में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।