Friday, November 21, 2025
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उत्तर प्रदेश को एक करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने पर सेमिनार का आयोजन

-प्राचीन काल से ही व्यापार और वाणिज्य सभ्यता के विकास का आधार रहा: डा ममता त्रिपाठी

कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर में वाणिज्य विभाग की तरफ से उत्तर प्रदेश से उद्यम प्रदेश एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की योजना विषय पर एक दिवसीय सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा प्रयागराज की तरफ से प्रायोजित था। सेमिनार में उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कमजोर और बीमारु अर्थव्यवस्था वाले टैग की वजंह यहां पर कार्य संस्कृति की कमी, भय, वैमनस्यता व हीनता की भावनाए कानून व्यवस्था की कमजोर स्थिति के साथ सहकारिता का अभाव रहा है। इसमें सुधार के लिए प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने विकसित भारत-2047 के पांच प्रण को बताया। गुलामी से मुक्ति, मूल भाषा में विकास, विरासत से विकास की यात्रा, एकजुटता व नागरिक प्रबोधन के बारे में जानकारी दी। विशिष्ट अतिथि प्रो श्रीवर्धन पाठक ने कहा कि प्राचीन काल से ही व्यापार और वाणिज्य सभ्यता के विकास का आधार रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार की उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली योजनाओं जैसे एक्सप्रेस- वे, युवाओं को ब्याज रहित लोन, आसान जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और बीमा के बारे में बताया। इसके अलावा रंति देव सिंह, डिप्टी कमिश्नर जीएसटी अयोध्या, प्रो संजय बैजल, प्रो अनिल यादव ने भी सेमिनार को संबोधित किए। संचालन समन्वयक डॉ श्वेता भट्ट ने किया।
तकनीकी सत्र में विभिन्न आचार्यों, शोधार्थियों व छात्र – छात्राओं ने अपने शोध और लेख का वाचन किया। तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो ममता मणि त्रिपाठी ( उदित नारायण स्नाकोत्तर महा विद्मालय ) ने किया। इसमें प्रो राकेश पांडेय, प्रो बृजेश पांडेय, प्रो ज्योत्सना पांडेय, डॉ वी के टिबड़ेवाल ने अपने अनुभव साझा किए। इसमें 128 ने शोध आलेख आए व 50 ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। इस मौके पर प्रो इंद्रासन प्रसाद, डॉ मनीष जायसवाल, डॉ रितेश सिंह, प्रो वीरेंद्र कुमार, प्रो इंद्रजीत मिश्र, प्रो गौरव तिवारी, डॉ निगम मौर्य, डॉ पारस नाथ, डॉ शंभू दयाल कुशवाहा, डॉ राकेश सोनकर, डॉ वीणा कुमारी, प्रो केपी सिंह, डॉ सीपी सिंह, डॉ दुर्ग विजयपाल सिंह आदि मौजूद थे।

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