बलरामपुर, कमर खान (वेब वार्ता)। नगर क्षेत्र में स्थित प्राचीन झारखंडी मंदिर के समीप ऐतिहासिक झारखंडी सरोवर के सौंदर्यीकरण और विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। इस दौरान नगर पालिका परिषद बलरामपुर के अध्यक्ष डॉ. धीरेन्द्र प्रताप सिंह ‘धीरु’ ने कार्य की गुणवत्ता का बारीकी से परीक्षण किया और कार्य में तीव्रता लाने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए। यह सौंदर्यीकरण परियोजना न केवल स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का प्रयास है, बल्कि इसे एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।
निरीक्षण में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
निरीक्षण के दौरान डॉ. धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने कार्य की प्रगति का जायजा लिया और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही या घटिया सामग्री का उपयोग बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा, “झारखंडी सरोवर केवल एक जलाशय नहीं, बल्कि बलरामपुर की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का प्रतीक है। इसका सौंदर्यीकरण न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए गर्व का विषय होगा, बल्कि यह पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।”
डॉ. सिंह ने यह भी सुनिश्चित किया कि परियोजना में उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग हो और कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा हो। इस दौरान अधिशासी अधिकारी लाल चंद्र मौर्य, अध्यक्ष प्रतिनिधि डीपी सिंह बैस, जूनियर इंजीनियर (सिविल) अविनाश यादव, और सभासद राघवेंद्र कांत सिंह सहित अन्य सहयोगी उपस्थित रहे। सभी ने संयुक्त रूप से कार्य की प्रगति का अवलोकन किया और आवश्यक सुधारों पर विचार-विमर्श किया।
झारखंडी सरोवर: सांस्कृतिक और पर्यटन स्थल का महत्व
झारखंडी सरोवर बलरामपुर के लिए एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जो स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं के बीच विशेष महत्व रखता है। इस सौंदर्यीकरण परियोजना के तहत 57.80 लाख रुपये की लागत से सरोवर का सौंदर्यीकरण और 177.41 लाख रुपये की लागत से मंदिर परिसर में विश्रामालय, छठ पूजा घाट, और अन्य सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
डॉ. सिंह ने बताया, “हमारा लक्ष्य झारखंडी सरोवर को एक आदर्श पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है, जहां श्रद्धालु और पर्यटक दोनों आकर्षित हों। यह परियोजना स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी और रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।” इस परियोजना के तहत नगरीय झील, तालाब, और पोखर संरक्षण योजना के अंतर्गत कार्य किए जा रहे हैं, जिससे सरोवर का प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व और बढ़ेगा।
प्रगति और भविष्य की योजनाएं
निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि परियोजना में प्रगति संतोषजनक है, लेकिन इसे और तेज करने की आवश्यकता है। डॉ. सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्य को निर्धारित समयसीमा में पूरा किया जाए ताकि नागरिकों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि नगर पालिका परिषद इस परियोजना को पूर्ण करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सौंदर्यीकरण कार्य में सरोवर के आसपास के क्षेत्र को हरा-भरा करने, आधुनिक सुविधाएं स्थापित करने, और पर्यटकों के लिए बेहतर व्यवस्था करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा, स्थानीय समुदाय की भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि परियोजना का दीर्घकालिक प्रभाव सुनिश्चित हो।
नागरिकों और पर्यटकों के लिए लाभ
झारखंडी सरोवर के सौंदर्यीकरण से न केवल स्थानीय नागरिकों को एक सुंदर और स्वच्छ पर्यावरण मिलेगा, बल्कि यह क्षेत्र पर्यटन के नक्शे पर भी उभरेगा। यह परियोजना धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी और स्थानीय व्यापारियों को आर्थिक लाभ पहुंचाएगी। साथ ही, यह बलरामपुर की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
डॉ. धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने अंत में कहा, “हमारी कोशिश है कि झारखंडी सरोवर को एक ऐसी जगह के रूप में विकसित किया जाए, जहां लोग न केवल धार्मिक कार्यों के लिए आएं, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और शांति का आनंद भी लें।”