नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पंजाबी भाषा विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को समर्पित कार्यक्रम ‘‘विहड़ा शगना दा’’ का आयोजन माता सुंदरी कॉलेज में किया गया।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमेटी के प्रधान सरदार हरमीत सिंह कालका और जनरल सैकेट्री सरदार जगदीप सिंह काहलो ने इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए पंजाबी भाषा विभाग के चेयरमैन हरदित सिंह, वाइस चेयरमैन राजिंदर सिंह, माता सुंदरी कॉलेज के प्रिंसिपल हरप्रीत कौर और स्टाफ, गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूलों के प्रिंसिपल और स्टाफ को बधाई दी जिन्होंने इस शानदार कार्यक्रम का आयोजन करके बच्चों को उनके पुरातन विरसे से जोड़ने का काम किया।
सरदार कालका और सरदार काहलो ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि पंजाबी भाषा विभाग हर साल अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को समर्पित कार्यक्रम आयोजित करके बच्चों को उनके पुरातन विरसे से जोड़ने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि हम बच्चों को अपने गौरवमयी इतिहास, अमीर सभ्यता और विरसे से जोड़ें।
उन्होंने कहा कि शगन वही कौमें मनाती हैं जो परमात्मा से जुड़ी होती हैं। उन्होंने बताया कि आज के समय में शगनों का महत्व बच्चों को नहीं पता क्योंकि ये घरों से गायब होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि छोटे परिवारों के युग में चाचें, ताएं, भुआं, फुफड़े, मासी, माशर जैसे रिश्ते खत्म होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज नई विचारधारा अपनाते हुए हमारी कौम अपने पुरातन विरसे को भूलती जा रही है। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय है, जिससे हमारे बच्चे अपने विरसे से जुड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले माहौल ऐसा था कि बच्चे अपने बुजुर्गों द्वारा लिए गए फैसलों पर फूल चढ़ाते थे, अब घरों से रिश्ते खत्म हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें आधुनिक कल्चर से बाहर निकलकर अपने पुरातन विरसे से जुड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटियों को मुख्य रूप से ध्यान में रखते हुए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, यह बहुत ही सराहनीय है।