नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। विवेक विहार स्थित स्वामी विवेकानंद कॉलेज के शारदा सभागार प्रांगण में दो दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गई जिसमें हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के शिक्षण में प्रौद्योगिकी के बढ़ते योगदान के विषय पर चर्चा हुई जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों के प्रोफेसरों तथा भाषा विशेषज्ञ शामिल हुए। संगोष्ठी का आयोजन विवेकानंद कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय और भारतीय भाषा समिति के संयुक्त तत्वावधान में हुआ, जिसमें विभिन्न प्रोफेसरों ने अपने अपने अनुभवों, संशयों को साझा किया जिसमें भारतीय भाषाएं तकनीकी और भाषा शिक्षण, चिंतन की परंपराएं, एवम् साहित्य, संवेदना और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा हुई जिसमे कहा गया कवियों, गीतकारों, साहित्यकारों एवं अध्यापकों की वज़ह से भी भाषा बची हुई है आधुनिक युग में। संगोष्ठी में संयोजिका विभागाध्यक्ष डॉ. योजना कालिया, मंच संचालिका डॉ. मीना, प्राचार्य प्रोफेसर पिकी मौर्य, संयोजक मंडल डॉ. मुकेश वर्णवाल, डॉ. ओमवीर सिंह, डॉ. बबीता जायसवाल, डॉ. मीना पांडेय, डॉ. प्रतिभा जैमिनी, डॉ. पूजा सिंह, प्रोफेसर संध्या सिंह, वरिष्ठ प्रोफेसर पूरनचंद टंडन, डॉ. अनु मिरांडा हाउस कॉलेज, डॉ. नम्रता सिंह, डॉ. सुशील द्विवेदी, डॉ. सूरज बडताया सहित कॉलेज के विद्यार्थियों ने शामिल होकर अपनी अहम भूमिका निभाई।
विवेकानंद कॉलेज में भाषाओं में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर संगोष्ठी आयोजित
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