मुंबई, 18 मार्च (वेब वार्ता)। महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर जारी चर्चा के बीच भाजपा की सहयोगी पार्टी एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी में टकराव पैदा हो गया है। महाराष्ट्र की प्रतिष्ठित सीट कही जाने वाली बारामती पर शिंदे के करीबी विधायक विजय शिवतारे ने ताल ठोंक दी है। उन्होंने कहा है कि बारामती किसी की जागीर नहीं है। वह इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। इससे न केवल एनसीपी बल्कि भाजपा की भी टेंशन बढ़ गई है।
बारामती परंपरागत तौर पर एनसीपी संस्थापक शरद पवार का गढ़ रहा है। उनकी बेटी सुप्रिया सुले इस सीट से सांसद हैं लेकिन एनसीपी के दो फाड़ होने के बाद पवार परिवार ही आमने-सामने हैं। शरद पवार की एनसीपी (एसपी) ने सुप्रिया सुले को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वहीं, उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के इस सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है। ऐसे में बारामती में ननद-भौजाई की लड़ाई होने की संभावना है।
इस बीच बारामती लोकसभा क्षेत्र की पुरंदर से तीन बार विधायक और पूर्व मंत्री शिवसेना के विजय शिवतारे ने भी लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। बारामती लोकसभा में छह विधानसभा क्षेत्र दौंड, इंदापुर, बारामती, भोर, पुरंदर और खड़कवासला शामिल है। विजय शिवतारे क्षेत्र में बापू के नाम से मशहूर हैं और वे पवार परिवार के परंपरागत प्रतिद्वंदी माने जाते हैं। शिवतारे को लगता है कि पवार परिवार में विघटन का उन्हें फायदा मिल सकता है और वे पवार से अपना पुराना हिसाब चुकता कर सकते हैं।
निर्दलीय या नरेंद्र मोदी विचार मंच के रूप में लड़ेंगे चुनाव
विजय शिवतारे का कहना है कि वह बारामती सीट पर निर्दलीय या नरेंद्र मोदी विचार मंच के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि दशकों से इस सीट पर एक परिवार का नियंत्रण है। उन्होंने सीधे तौर पर पवार परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ही परिवार को कई दशक से इस सीट पर क्यों बने रहना चाहिए। जबकि उस परिवार ने बारामती के लिए कुछ नहीं किया है। शिवतारे के इस बयान से शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता स्तब्ध हैं। वहीं, उपमुख्यमंत्री पवार ने सीटों का बंटवारा होने तक सभी को शांत रहने की नसीहत दी है।