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मप्र: बीएसएफ के शस्त्र संग्रहालय को मिला 1914 का दुर्लभ हथियार, करोड़ों की कीमत वाली रिवॉल्वर दान में दी

इंदौर, 23 जुलाई (वेब वार्ता)। मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित सीमा सुरक्षा बल (BSF) के केंद्रीय आयुध एवं युद्ध कौशल विद्यालय (CSWT) के शस्त्र संग्रहालय को एक अनमोल ऐतिहासिक धरोहर प्राप्त हुई है। झारखंड के एक प्रतिष्ठित व्यापारी परिवार ने वर्ष 1914 में ब्रिटेन में निर्मित ‘वेबली मार्क 5’ रिवॉल्वर को बीएसएफ संग्रहालय को दान में दिया है।

111 साल पुराना पारिवारिक हथियार बना राष्ट्रीय विरासत

इस रिवॉल्वर को चाईबासा (झारखंड) के व्यापारी नंदलाल रुंगटा के परिवार ने दान किया है। यह हथियार उनके दिवंगत पिता सीताराम रुंगटा के पास लंबे समय से सुरक्षित रखा गया था। रुंगटा परिवार ने पश्चिमी सिंहभूम के जिला शस्त्र मजिस्ट्रेट की अनुमति से इसे बीएसएफ को सौंपा।

औपचारिक सौंपा गया संग्रहालय को

रिवॉल्वर को बीएसएफ के संग्रहालय में आधिकारिक रूप से कार्यवाहक महानिरीक्षक राजन सूद की उपस्थिति में सौंपा गया। सभी कानूनी औपचारिकताओं के पूर्ण होने के बाद यह ऐतिहासिक हथियार संग्रहालय की शान बना।

एक लेख से मिली प्रेरणा

नंदलाल रुंगटा ने बताया कि दो वर्ष पूर्व कोलकाता के एक समाचार पत्र में सीएसडब्ल्यूटी के शस्त्र संग्रहालय पर प्रकाशित लेख ने उन्हें गहराई से प्रेरित किया। इसी प्रेरणा से उन्होंने अपने पिता की विरासत को राष्ट्रीय धरोहर में बदलने का निर्णय लिया।

करोड़ों की कीमत, लेकिन भावनात्मक मूल्य सर्वोपरि

ऑल इंडिया बीएसएफ एक्स-सर्विसमेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार जैन ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस रिवॉल्वर की कीमत करोड़ों रुपये आँकी जा सकती है, लेकिन नंदलाल रुंगटा ने इसे अपने पिता की स्मृति को अमर करने के उद्देश्य से निःस्वार्थ भाव से दान कर दिया।

बीएसएफ संग्रहालय: युद्धक इतिहास की विरासत

इंदौर स्थित यह संग्रहालय 1967 में बीएसएफ के पहले महानिदेशक केएफ रुस्तमजी की परिकल्पना के तहत स्थापित किया गया था। यहां पर 300 से अधिक दुर्लभ हथियार संरक्षित हैं, जिनमें बंदूकें, राइफल, पिस्तौल, मशीनगन, मोर्टार, रॉकेट लॉन्चर और 14वीं सदी के ऐतिहासिक हथियार शामिल हैं।



यह रिवॉल्वर न केवल एक पुरातात्विक विरासत है, बल्कि देश की सुरक्षा एजेंसी के संग्रहालय के लिए गौरव का विषय भी है। आने वाली पीढ़ियाँ इसे देखकर भारत की सैन्य और शस्त्र निर्माण इतिहास की गहराई को समझ सकेंगी।

स्थान: सीएसडब्ल्यूटी शस्त्र संग्रहालय, इंदौर
वर्ष: 1914 में निर्मित, 2025 में दान किया गया
हथियार का नाम: वेबली मार्क 5 (.45 बोर रिवॉल्वर)

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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