दक्षिण वन मंडल के जंगल में बेखौफ काट रहे हैं सागौन के पेड
वन विभाग के बाशिंदे अपनी संपत्ति बचाने में नाकाम साबित हो रहे हैं
भैंसदेही, (मनीष राठौर)। पर्यावरण को संतुलित करने के लिए सरकार द्वारा बड़ी राशि खर्च कर पौधारोपण व वनों के संरक्षण किया जा रहा है, लेकिन इन दिनों वन विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते क्षेत्र में तेजी से घट रहे सागौन के पेड़ वन माफियाओं के गिरफ्त में नजर आ रहे हैं, जिसके चलते वन माफिया द्वारा अवैध रूप से क्षेत्र के जंगलों में धड़ल्ले से सागौन की लकड़ी सागौन के विशालकाय पेड़ काट लिए गए हैं। जिले में दक्षिण वन मंडल क्षेत्र के तस्कर वन विभाग के सुरक्षा तंत्र को चकमा देकर बड़ी संख्या में सागौन के पेड़ काट रहे हैं। वहीं अधिकारियों को इस कटाई की भनक तक नहीं है।
दक्षिण वन मंडल क्षेत्र की चर्चित रातामाटी बीट में 1051 कंपाड वन क्षेत्र में बड़े स्तर पर खड़ा सागौन का जंगल अब सुरक्षित नहीं रहा मौके पर जाकर देखा गया दर्जनों पेड़ सागौन के काट लिए गए वही जंगल में अतिक्रमण बड़ी मात्रा में किया जा रहा है इसकी जानकारी वन विभाग के सुरक्षा तंत्र को इसकी भनक तक नही बड़ी बात तो यह है कि भैंसदेही से भीमपुर मेन रोड से करीब 800 मीटर दूरी पर से लगा जंगल कट गया और वन सुरक्षा तंत्र को इसकी कोई जानकारी नहीं वही कुछ दूरी पर रातामाटी में वन विभाग का नाका भी बना है परन्तु फिर वन विभाग के बीट को इसकी भनक नहीं लगी जानकार बताते हैं की बीट गार्ड पांडे और डिप्टी अभिषेक उपाध्याय रेत माफिया को सड़को पर पकड़ने में लगे हैं जानकार बताते हैं की रेत माफियाओं से अवैध वसूली भी की गई है और जो नहीं देते हैं उन लोगों के ट्रैक्टर भी पकड़े जा रहे हैं जिसकी पूर्व में शिकायत वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से भी की गई है और इधर तस्कर जंगल साफ कर रहे हैं वन विभाग का।
इन दिनों वन विभाग का जंगल लकड़ी माफियाओं के निशाने पर है। वन विभाग द्वारा जंगल की सुरक्षा के तमाम दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर नजारा कुछ और ही बयां करता है। वन माफिया इमारती लकड़ी के रूप में प्रयोग की जाने वाली सागौन की लकड़ी हेतु बड़े-बड़े सागौन के पेड़ों को कटाई कर मौके पर कई घंटों तक कार्य करते होंगे इसलिए जंगलों में सागौन पेड़ के छिलके दिखाई दे रहे हैं इसके बाद काम की लकड़ी अपने साथ ले जाते हैं और बाकी अवशेष छोड़ कर चले जाते हैं। लकड़ी का परिवहन भी वाहनों द्वारा किया जाता है, जिसका प्रमाण जंगल क्षेत्र में जमीन पर बने परिवहन में इस्तेमाल होने वाले दो पहिए वाहनों के निशान देखे जा सकते हैं वन विभाग की लापरवाही से दिन ब दिन हरे-भरे खूबसूरत जंगल उजड़ रहे हैं।
आलम यह है कि जंगल के अंदर का नजारा तो छोड़िए मुख्य मार्ग पर भी कटे हुए ठूंठ अपनी बेबसी का वन विभाग जिम्मेदार हैं।
इस मामले में बीट गार्ड और डिप्टी की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है जानकारों का कहना है कि डिप्टी और बीट गार्ड की रुचि सिर्फ रेत पकड़ने में रहती है जबकि वन माफिया द्वारा सागौन के पेड़ों को निशाना बनाया जा रहा है।
इस मामले में दक्षिण वन विभाग खुद पेट्रोलिंग नहीं करता या सब पता होने के बाद भी उनके द्वारा अवैध कटाई को अनदेखा किया जा रहा है।
दक्षिण वन मंडल के रेंजर अमित चौहान का कहना है आपके द्वारा जानकारी लगी है मैं तत्काल जांच करवाता हूं।
इस मामले में डिप्टी अभिषेक उपाध्याय का कहना है रातामाटी बीट का जंगल है अतिक्रमण वाले जंगल काट रहे हैं।
जंगल में सागौन की चरपट उठा कर लाई है देखो श्याम भईया सभी तो छाप रहे आपको क्या मना करना लापरवाही तो हमारी है उसमे क्या हम इस बात को मान रहे हैं बिलकुल जंगल कटा है। सुचना मिलने पर में कार्यवाही करूंगा हमारा बीट गार्ड पांडे बहुत गड़बड़ है हम देखते है। इस संबंध में बीट गार्ड पांडे को फोन किया गया परन्तु फोन नही उठाया गया।