हरदोई, लक्ष्मीकान्त पाठक (वेब वार्ता)। स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य लाभ के लिए सरकार ने लाखों रुपए की धनराशि खर्च की है, परंतु जमीनी स्तर पर योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन न होने व अभिभागीय अधिकारियों की खाऊ-कमाऊ नीति के चलते हेल्थ एंड वेल्थनेस सेंटर जर्जर अवस्था पर केन्द्र में भूसा भरने व जानवर बांधने के कार्य किए जा रहे हैं। विकासखण्ड कोथावां की ग्राम सभा गौरा (कोथावां) तस्वीर बयां कर रही है। यहां पर स्वास्थ्य कर्मी हमेशा नदारद रहते हैं। गर्भवती वापस व प्रसूता महिलाओं व बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, उचित देखभाल, जागरूकता व टीकाकरण व दवाई उपलब्ध कराए जाने हेतु यह सेण्टर स्थापित किए गए हैं। इस हेल्थ वेल सेंटर पर सीएचओ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की नियुक्ति की गई। अधिकारियों का नियमित रूप से स्वास्थ्य कर्मियों को न आने से यह केंद्र शोपीस बने हैं। विकासखंड कोथावां का गौरा आयुष्मान वेलनेस सेंटर अपनी दुर्दशा की तस्वीर बयां कर रहा है। चंद दिनों पहले बना केंद्र जर्जर हालत में हैं। दरवाजे व खिड़कियां टूट गई है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। कमरों में भूसा भरा है। गंदगी अंबार है। परिसर में कूड़े के ढेर पड़े हैं। केंद्र स्वयं बीमार है। वहीं सरकार गांव-गांव बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का ढ़िढोरा पीट रही है। अखिर जिम्मेदार अधिकारियों के नियमित पर्यवेक्षण के बावजूद इस केंद्र की यह हालत क्यों है? ग्रामीणों ने कहा यहां कोई स्वास्थ्य कर्मी नहीं आता है। पूरे मामले पर जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रोहताश कुमार ने बताया केंद्र की जांच करके दोषी लोगों पर ठोस कार्यवाई की जाएगी।
हेल्थ एंड वेल्थनेस सेंटर गौरा कोथावां अपनी जर्जर हालात पर बहा रहा आंसू, जिम्मेदार मूकदर्शक

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