रायपुर, (वेब वार्ता)। राधिका खेड़ा ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच अमर उजाला को दिये इंटरव्यू में उन्होंने कई सनसनीखेज आरोप लगाये थे। इसके बाद उन्होंने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कांग्रेस पर कई सनसनीखेज आरोप लगाये। उनके आरोप से छत्तीसगढ़ कांग्रेस में खलबली मची हुई है। राधिका खेड़ा ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग के चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने अपने दो साथियों के साथ रायपुर के पार्टी ऑफिस में उनके साथ अभद्रता करने की कोशिश की। जब उन्होंने इसके बारे में पार्टी के शीर्ष नेताओं को जानकारी दी, तब आरोपी नेताओं के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और जयराम रमेश तक सबको इस आपत्तिजनक घटना के बारे में बताया गया, लेकिन आरोपी नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद हताश होकर उन्होंने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया।
उन्होंने कहा कि घटना 30 अप्रैल की है। शाम को लगभग छह बज रहे थे। मैं पार्टी ऑफिस में कुछ काम कर रही थी। उसी समय छत्तीसगढ़ कांग्रेस का प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला अपने दो साथियों – नितिन भंसाली और सुरेंद्र वर्मा – के साथ कमरे में आया। ये दोनों लोग भी छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता हैं। इसके एक साथी ने कमरा पीछे से बंद कर लिया। कमरा किसने बंद किया, यह मैं नहीं देख पाई, लेकिन कमरा बंद होने की आवाज सुनते ही मैंने अपना फोन निकाल लिया और कैमरा चालू कर दिया। मैंने चिल्लाना शुरू कर दिया। इसके बाद बाहर निकलकर मैंने इस घटना की जानकारी सबको दी। लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब इस घटना के छह दिन बीत जाने के बाद भी ऐसे अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, मैंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला कर लिया।
उन्होंने बताया कि मैंने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा को कॉल किया उनसे मेरी बात हुई तो मुझे कहा गया कि तुम कॉर्डिनेट करके नहीं चलती है। इस बीच पवन खेड़ा को मैंने जब पूरी बात बताया तब मुझे डांट पड़े कि तुम जो कर रही हो गलत है। आवाज उठा रही हो जो गलत है।
उसके बाद भूपेश बघेल ने मुझे कॉल बैक किया। उनसे करीब आधे घंटे तक बात हुई। जब मैंने सुशील आनंद शुक्ला से विवाद के बारे में बताया और अपने साथ हुए दुर्व्यहार को लेकर राजनीति छोड़ने की बात कहीं तो उन्होंने कहा कि तुम छत्तीसगढ़ ही छोड़ दो। तब मुझे समझ में आ गया कि किस तरह पड़यंत्र के साथ मेरे साथ यह सब किया गया। उसके बाद छह दिन तक मैं इंतजार करती रही। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, जयराम रमेश, खड़गे जो कांग्रेस पार्टी चलाते हैं सबको लगातार कॉल किया। मैसेज किया। चिट्टियां लिखीं पर मुझे कहीं से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। कहीं से कोई भी मदद नहीं की गई। जयराम रमेश ने मेरा मैसेज भी पढ़ा लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। एक बार मुझसे बात नहीं की गई। मैं अपने मर्जी से छत्तीसगढ़ नहीं गई थी, मुझे पार्टी ने बाकायदा तीसरी बार भेजा था। जब मैंने ट्वीट करना शुरू किया और न्याय की गुहार लगाई तब जयराम रमेश सिंह का फोन आया और उन्होंने कहा कि तुम सही नहीं कर रही हो।
राधिका खेड़ा ने कहा कि जब राहुल गांधी जी भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे थे, मैं छत्तीसगढ़ में यात्रा की प्रभारी थी। उसी समय से मेरे साथ अभद्रता करने की कोशिश की गई थी। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान मैं कोरबा में जिस होटल में ठहरी थी, सुशील आनंद शुक्ला मुझसे यह जानने की कोशिश करता था कि मैं होटल के किस कमरे में रुकी हुई हूं। मुझे शराब ऑफर की जाती थी। यह पूछा जाता था कि किस कमरे में रुकी हुई हूं और मुझे कौन सी शराब भेज दी जाए। इस घटना की दो लड़कियां गवाह भी हैं। लेकिन यह बेहद अपमानजनक और शर्मनाक था। इसके बारे में उस समय भी मैंने अपनी पार्टी के बड़े नेताओं को जानकारी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन समझदारी बरतते हुए मैं उन नेताओं से दूरी बरत रही थी।