Thursday, March 20, 2025
Homeराज्यएमिटी विवि में हुआ ‘‘एआईक्राफ्ट 2.1” आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

एमिटी विवि में हुआ ‘‘एआईक्राफ्ट 2.1” आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

नोएडा, (वेब वार्ता)। एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा एमिटी सेंटर ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, द्वारा एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के सहयोग से ‘‘एआईक्राफ्ट 2.1’’ नामक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रतियोगिता फॉर रिसर्च एंड फ्यूचर टेक्नोलॉजीज 2025 विषय राष्ट्रीय स्तर की परियोजना और पोस्टर प्रतियोगिता सहित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में पीएचडी संगोष्ठी का दूसरा संस्करण आयोजित किया। इस प्रतियोगिता का शुभारंभ वैज्ञानिक विश्लेषण समूह (एसएजी) के ओएस और निदेशक डॉ. एन. राजेश पिल्लई, थेल्स के प्रतिष्ठित इंजीनियर अनिल पाराशर, एमिटी फाउंडेशन फॉर साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन अलायंस के अध्यक्ष डॉ डब्ल्यू सेल्वामूर्ती और एमिटी सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के निदेशक डॉ. एम.के. दत्ता द्वारा किया गया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य नवोदित वैज्ञानिकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अपने कौशल और रचनात्मकता को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करके नए विचारों के विकास को प्रोत्साहित करना और एआई के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की भावना को बढ़ावा देना था।

भारत भर के विभिन्न राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों जैसे गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दयाल बाग शैक्षणिक संस्थान आगरा, लखनऊ विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली, जीडी गोयनका विश्वविद्यालय गुरुग्राम, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर, विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज और कई अन्य के 500 से अधिक स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी छात्रों के आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 170 को उनके नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए चुना गया।

नवोदित वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए, वैज्ञानिक विश्लेषण समूह (एसएजी) के ओएस और निदेशक डॉ. एन. राजेश पिल्लई ने कहा, कि एआई किसी विशेष क्षेत्र तक सीमित नहीं रहने वाला है, और इसका उपयोग अंतरिक्ष विज्ञान सहित सभी क्षेत्रों में किया जा रहा है। छात्रों को अन्य तकनीकों को भी सीखना चाहिए और इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसे एआई के साथ एकीकृत करना चाहिए।” उन्होंने छात्रों से डेटा के अन्य स्रोतों पर निर्भर न रहने और अपना खुद का डेटा बनाने का आह्वान किया ताकि वे अद्वितीय एआई मॉडल बना सकें।

थेल्स के प्रतिष्ठित इंजीनियर अनिल पाराशर ने कहा कि सरकार द्वारा एआई कंप्यूट पोर्टल और एआई कोष की घोषणा और 27 एआई डेटा लैब की स्थापना के साथ, एआई ने देश के तकनीकी परिदृश्य को बदलने में एक बड़ी छलांग लगाई है। एमिटी विश्वविद्यालय ने इस तरह की प्रासंगिक प्रतियोगिता आयोजित करने के लिए एक बड़ी पहल की है, जिसमें छात्रों को अपने एआई नवाचारों को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने छात्रों से अपनी नींव मजबूत करने और गणित पर एक विषय के रूप में ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया क्योंकि एआई के क्षेत्र में सफल होने के लिए गणित में अच्छा होना महत्वपूर्ण है।

एमिटी फाउंडेशन फॉर साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन अलायंस के अध्यक्ष डॉ डब्ल्यू सेल्वामूर्ती ने कहा कि एआई सहित किसी भी तकनीक का उद्देश्य समाज को लाभ पहुंचाना है। भारत 2047 तक एक ज्ञान महाशक्ति बन जाएगा और एआई जैसी तकनीकें भारत को ज्ञान महाशक्ति बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगी। सरकार ने केवल एआई के लिए 550 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो विभिन्न क्षेत्रों में एआई की उन्नति और अनुप्रयोग में एक बड़ा कदम है। युवा, नवोदित वैज्ञानिकों ने आज बेहतरीन एआई इनोवेशन का प्रदर्शन किया है और वे सभी अपने प्रयासों के लिए बहुत प्रशंसा के पात्र हैं।

एमिटी सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के निदेशक डॉ. एम.के. दत्ता ने कहा, कि आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हर क्षेत्र में देखा जा सकता है, चाहे वह स्वास्थ्य सेवा हो, कृषि हो, वित्तीय क्षेत्र हो या कोई अन्य क्षेत्र हो। ह्यूमन इंटेलिजेंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक दूसरे के पूरक हैं। छात्रों के लिए एआई सीखना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि भविष्य एआई संचालित होने वाला है। प्रतियोगिता के दौरान, छात्र मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, कंप्यूटर विज़न, जेनरेटिव एआई आदि में एआई मॉडल और पोस्टर प्रस्तुत करेंगे, जो उनकी रचनात्मकता और विचार को प्रदर्शित करेंगे।

दयाल बाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के छात्र अमोल सत्संगी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि एआई क्राफ्ट में भाग लेना एक शानदार सीखने का अनुभव रहा है। लोगों ने मेरे इनोवेशन, एआई-पावर्ड मेडिकल कियोस्क के बारे में जानने में गहरी दिलचस्पी दिखाई, जो लोगों की मेडिकल संबंधी जिज्ञासाओं को हल करने में मदद करेगा। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में मैं इस तरह के और भी इनोवेशन कर पाऊंगा, क्योंकि एआई मेरी रुचि का क्षेत्र है।

प्रदर्शित नवाचारों में दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी द्वारा “सूक्ष्म एआई- एआई संचालित पीसीओएस डिटेक्शन”, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय द्वारा “एनीमे और एआई को शैक्षिक प्रथाओं में एकीकृत करना”, दयाल बाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट द्वारा “एआई-संचालित स्मार्ट मेडिकल कियोस्करू मेडिकल इमेजिंग और डायग्नोस्टिक्स में क्रांतिकारी बदलाव”, एनआईटी नागालैंड द्वारा “व्यक्तिगत सिफारिशों के साथ एआई-संचालित स्वास्थ्य चौटबॉट”, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा हेल्थअसिस्टेंट एआई-संचालित स्वास्थ्य, पोषण और मानसिक कल्याण, कलासलिंगम एकेडमी ऑफ रिसर्च एंड एजुकेशन द्वारा स्वचालित हाइड्रोपोनिक मॉनिटरिंग सिस्टम, और कई अन्य शामिल थे।

प्रथम पुरस्कार एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ के छात्रों द्वारा विकसित नवाचार- “एआई-सक्षम ओरल कैंसर डिटेक्शन” को दिया गया, जिसके लिए 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। दूसरा पुरस्कार दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा विकसित नवाचार “गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) के रोगियों की निगरानी के लिए मोबाइल एप्लीकेशन” को दिया गया, जिसके लिए 25,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया और तीसरा पुरस्कार एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा के छात्रों द्वारा विकसित नवाचार “एआई सक्षम अपशिष्ट पृथक्करण रोबोट वाहन” को दिया गया, जिसके लिए 10,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा, सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमारे बारें में

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments