Tuesday, November 18, 2025
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़ें

मेघालय: भारत-थाईलैंड के बीच मैत्री सैन्य अभ्यास जारी

नई दिल्ली, 02 सितंबर 2025: मेघालय के उमरोई में भारत और थाईलैंड की सेनाएं संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मैत्री-14’ में हिस्सा ले रही हैं। यह दो सप्ताह तक चलने वाला अभ्यास 14 सितंबर तक चलेगा और इसका उद्घाटन सोमवार को किया गया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग, अंतर-संचालन, और आपसी समझ को बढ़ाना है।

अभ्यास का उद्देश्य और महत्व

‘अभ्यास मैत्री-14’ संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय सात के तहत अर्ध-शहरी इलाकों में कंपनी स्तर के आतंकवाद-रोधी अभियानों पर केंद्रित है। इस अभ्यास में सामरिक अभ्यास, संयुक्त योजना, विशेष शस्त्र कौशल, शारीरिक फिटनेस, और छापेमारी अभियान शामिल हैं। यह दोनों देशों के सैनिकों को रण कौशल और अनुभव साझा करने का अवसर प्रदान करता है।

भारतीय सेना की 120 सैनिकों वाली टुकड़ी का प्रतिनिधित्व मद्रास रेजिमेंट की एक बटालियन कर रही है, जबकि रॉयल थाई सेना की 53 सैनिकों वाली टुकड़ी का प्रतिनिधित्व 14वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड की पहली इन्फैंट्री बटालियन कर रही है। यह अभ्यास मेघालय के उमरोई स्थित संयुक्त प्रशिक्षण नोड में आयोजित किया जा रहा है।

भारत-थाईलैंड सैन्य सहयोग की परंपरा

भारत और थाईलैंड के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मैत्री’ की शुरुआत वर्ष 2006 में हुई थी। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। पिछली बार यह अभ्यास थाईलैंड के टाक प्रांत के फोर्ट वाचिराप्राकन में आयोजित किया गया था।

“यह अभ्यास न केवल सैन्य सहयोग को बढ़ाता है, बल्कि क्षेत्रीय शांति, स्थिरता, और सुरक्षा के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है,” एक भारतीय सेना के प्रवक्ता ने कहा।

अभ्यास की मुख्य विशेषताएं

  • आतंकवाद-रोधी रणनीति: अर्ध-शहरी इलाकों में आतंकवाद-रोधी अभियानों पर विशेष ध्यान।

  • सामरिक प्रशिक्षण: संयुक्त योजना और छापेमारी अभियानों का अभ्यास।

  • विशेष शस्त्र कौशल: दोनों सेनाओं के बीच हथियारों और तकनीकों का आदान-प्रदान।

  • शारीरिक फिटनेस: सैनिकों की शारीरिक और मानसिक तैयारी को बढ़ावा देना।

क्षेत्रीय सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंध

‘मैत्री’ अभ्यास भारत और थाईलैंड के बीच रक्षा सहयोग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे की रणनीतियों और तकनीकों को समझने का अवसर देता है। यह अभ्यास क्षेत्रीय स्थिरता और शांति को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, विशेष रूप से आतंकवाद और अन्य सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में।

भारत और थाईलैंड के बीच सैन्य सहयोग केवल अभ्यास तक सीमित नहीं है। दोनों देश रक्षा प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण, और सामरिक सहयोग के क्षेत्र में भी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इस अभ्यास से दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होंगे।

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest

More articles