लखनऊ, अजय कुमार | वेब वार्ता
क्रेनियोफेशियल सर्जरी के क्षेत्र में भारत और खाड़ी देशों के बीच एक मजबूत साझेदारी का नया अध्याय लिखा जा रहा है। इंडो-गल्फ क्रेनियोफेशियल सोसाइटी (IGCS) की चौथी वार्षिक बैठक 25-26 अक्टूबर 2025 को लखनऊ और आगरा में आयोजित हो रही है। यह बैठक क्रेनियोफेशियल सर्जरी पर व्याख्यानों, लाइव शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं, और हैंड्स-ऑन वर्कशॉप्स का मंच बनेगी। देशभर से रेजिडेंट डॉक्टर, स्नातकोत्तर छात्र, और ओमान के विशेषज्ञ सर्जन इसमें भाग ले रहे हैं। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGIMS), लखनऊ के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ. राजीव अग्रवाल (IGCS के अध्यक्ष) ने प्रेस वार्ता में बताया, “यह सोसाइटी क्रेनियोफेशियल सर्जरी में ज्ञान विस्तार और प्रशिक्षण को बढ़ावा देगी।”
IGCS की स्थापना मार्च 2023 में लखनऊ में हुई थी। यह एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो भारत और खाड़ी देशों (ओमान, UAE, सऊदी अरब, कतर आदि) के सर्जनों को जोड़ती है। डॉ. अग्रवाल और ओमान के डॉ. तैमूर अल बुलुशी ने इसकी नींव रखी। सोसाइटी का उद्देश्य: सर्जरी में नवाचार, प्रशिक्षण, और अनुसंधान को प्रोत्साहन। बैठकें भारत और खाड़ी देशों में वैकल्पिक रूप से आयोजित होती हैं। अब तक 3 सफल बैठकें हुई हैं: पहली लखनऊ (2023), दूसरी-तीसरी मस्कट (2024-25)।
प्रेस वार्ता में ओमान से आए डॉ. तैमूर अल बुलुशी, डॉ. सुल्तान ऐशगसी, डॉ. आदिक अल नगगर, और डॉ. अग्रवाल मौजूद थे। उन्होंने कहा, “यह बैठक सर्जरी के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करेगी।”

क्रेनियोफेशियल सर्जरी क्या है? जटिलता और महत्व
क्रेनियोफेशियल सर्जरी सिर, चेहरे, और खोपड़ी की हड्डियों, ऊतकों, और संरचनाओं पर विशेषज्ञता वाली सर्जरी है। यह प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरोसर्जरी, और ENT का मिश्रण है।
प्रमुख क्षेत्र:
- जन्मजात विकृति: क्लेफ्ट लिप/पैलेट, क्रेनियोसिनोस्टोसिस (खोपड़ी की हड्डियां जल्दी जुड़ना)।
- चोटें: सड़क हादसे, हिंसा से चेहरे की हड्डियां टूटना।
- ट्यूमर: ब्रेन ट्यूमर, फेशियल ट्यूमर का उपचार।
- पुनर्निर्माण: कैंसर या दुर्घटना के बाद चेहरे का पुनर्निर्माण।
महत्व: भारत में हर साल 1 लाख+ बच्चे क्रेनियोफेशियल विकृति के साथ जन्म लेते हैं। सर्जरी से जीवन गुणवत्ता सुधारती है।
IGCS का फोकस: उन्नत तकनीक (3D प्रिंटिंग, रोबोटिक सर्जरी), प्रशिक्षण, और रिसर्च। डॉ. अल बुलुशी ने कहा, “भारत की क्षमता और ओमान की विशेषज्ञता का मिलन क्रांतिकारी होगा।”
IGCS की चौथी बैठक: लखनऊ-आगरा में 25-26 अक्टूबर
बैठक दो चरणों में होगी:
- 25 अक्टूबर, लखनऊ (SGPGIMS): व्याख्यान, लाइव सर्जरी, वर्कशॉप। रेजिडेंट और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग।
- 26 अक्टूबर, आगरा: सैटेलाइट सेशन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान।
प्रमुख गतिविधियां:
- विशेषज्ञ व्याख्यान: क्रेनियोफेशियल ट्यूमर, 3D मॉडलिंग, न्यूरोप्लास्टी।
- लाइव सर्जरी: SGPGIMS में 10+ लाइव प्रक्रियाएं।
- वर्कशॉप: 200+ प्रतिभागियों के लिए, ओमान विशेषज्ञों के साथ।
- रिसर्च पेपर: 50+ पेपर प्रेजेंटेशन।
डॉ. अग्रवाल ने कहा, “यह बैठक 100+ रेजिडेंट को प्रशिक्षित करेगी।”
भारत-ओमान सहयोग: क्यों महत्वपूर्ण?
भारत और ओमान का स्वास्थ्य सहयोग मजबूत है। 2024 में द्विपक्षीय व्यापार ₹1,500 करोड़ था। IGCS इस सहयोग को सर्जरी क्षेत्र में विस्तार देगी।
- ओमान की ताकत: उन्नत सर्जिकल तकनीक, तेल धन से फंडिंग।
- भारत की ताकत: SGPGIMS जैसे संस्थान, कुशल मानव संसाधन।
- लाभ: संयुक्त रिसर्च, प्रशिक्षण, मेडिकल टूरिज्म।
डॉ. अल बुलुशी ने कहा, “UP का मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर शानदार है। हम साझेदारी बढ़ाएंगे।”
IGCS का इतिहास और भविष्य
| बैठक | तिथि | स्थान | प्रमुख उपलब्धि |
|---|---|---|---|
| पहली | मार्च 2023 | लखनऊ | सोसाइटी की स्थापना, डॉ. अग्रवाल अध्यक्ष |
| दूसरी | नवंबर 2024 | मस्कट, ओमान | प्रशिक्षण वर्कशॉप |
| तीसरी | जनवरी 2025 | मस्कट, ओमान | अनुसंधान पर फोकस |
| चौथी | 25-26 अक्टूबर 2025 | लखनऊ-आगरा | लाइव सर्जरी, वर्कशॉप |
भविष्य: अगली बैठकें UAE, सऊदी अरब में। संयुक्त जर्नल, ऑनलाइन कोर्स।
निष्कर्ष: क्रेनियोफेशियल सर्जरी में नया युग
IGCS की चौथी बैठक भारत-ओमान सहयोग को मजबूत करेगी। डॉ. अग्रवाल ने कहा, “यह सोसाइटी रेजिडेंट्स को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण देगी।” यह बैठक क्रेनियोफेशियल सर्जरी में नवाचार और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी का प्रतीक है।




