Friday, March 14, 2025
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अनिश्चितताओं के इस दौर में भी दुनिया को भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि पर भरोसा: मोदी

गुवाहाटी/नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि दुनिया भर में इस समय फैले अनिश्चितता के वातावरण के बावजूद भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि को लेकर जानकार आश्वस्त हैं।

श्री मोदी ने कहा कि यह भरोसा देश की सुधारवादी नीतियों, हुनरमंद एवं नवाचारी युवा वर्ग, उभरते नव-मध्यवर्ग और राजनीतिक स्थिरता तथा नीतिगत निरंतरता के प्रति देश की 140 करोड़ आबादी के समर्थन को देख कर बना है। श्री मोदी असम सरकार द्वारा गुवाहाटी में आयोजित वैश्विक निवेश सम्मेलन-एडवांटेज असम का उद्घाटन कर रहे थे। सम्मेलन में दुनिया भर से निवेशक, नीति निर्माता और राजनयिक भाग ले रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा, ‘‘आज हम वैश्विक परिस्थितियों को बारीकी से देख रहे हैं। …..वैश्विक अनिश्चितताओं के वातावरण में एक बात निश्चित है कि जानकार भारत की तेज ग्रोथ (तीव्र आर्थिक वृद्ध) को लेकर भरोसा कर रहे हैं। इस भरोसे के ठोस कारण हैं।”

उन्होंने कहा कि आज का भारत अगले 25 साल में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के एक सपने को लेकर एक के बाद एक नये-नये फैसले कर रहा है। संपर्क सुविधाओं का विस्तार कर रहा है। दुनिया को भारत की युवा आबादी पर भरोसा है, जो तेजी से कौशल-सम्पन्न और नवाचारी हो रही है। भारत में एक नया मध्यम वर्ग उभर रहा है। देश की 140 करोड़ जनता

है, जो राजनीतिक स्थिरता और नीतियों में निरंतरता के साथ खड़ी है। देश में सुशासन के साथ-साथ सुधार जारी हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज भारत अपनी स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत कर रहा है और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों के साथ मुक्त व्यापार समझौते कर रहा है। पूर्वी एशिया के साथ हमारे संबंध मजबूत हो रहे हैं और भारत-मध्य पूर्व (पश्चिम एशिया)-यूरोप आर्थिक गलियारा नये अवसर पैदा कर रहा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अपने विनिर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिये मिशन मोड पर काम शुरू किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम मेक इन इंडिया के तहत लो कॉस्ट मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक विकास के साथ-साथ पारिस्थितिकीय संतुलन पर भी ध्यान दे रहा है।

श्री मोदी ने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में भारत ने अपनी पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को निभाया भी नीतिगत निर्णय के लिए। दुनिया हमारे नवीकरणीय ऊर्जा मिशन को एक आदर्श परिपाटी के रूप में अपना रही है।”

पूर्वोत्तर क्षेत्र के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वी भारत और नॉर्थईस्ट की भूमि आज एक नये भविष्य की शुरूआत करने जा रही है। एडवांटेज असम सम्मेलन पूरी दुनिया को असम की संभावनाओं और प्रगति से जोड़ने का एक महाअभियान है।”

उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि पहले भी भारत की समृद्धि में पूर्वोत्तर भारत की बहुत बड़ी भूमिका हुआ करती थी। आज जब भारत विकसित होने की तरफ बढ़ रहा है, तो एक बार फिर हमारा ये पूर्वोत्तर अपना सामर्थ्य दिखाने जा रहा है और इसमें असम का योगदान लगातार बढ़ रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि 2018 में एडवांटेज असम का पहला संस्करण लॉन्च किया गया था। तब असम की अर्थव्यवस्था लगभग 2.75 लाख करोड़ रुपये थी, जो अब छह लाख करोड़ रुपये हो गयी है। इसका मतलब है कि भाजपा सरकार के तहत असम की अर्थव्यवस्था छह साल में दोगुनी हो गयी है। यह डबल इंजन वाली सरकार के दोहरे प्रभाव को दर्शाता है।

उन्होंने आकड़ों के सहारे अपनी बात रखते हुए कहा कि असम में 2009 से 2014 के बीच रेल बजट औसतन 2,100 करोड़ रुपये प्रति मील था। हमारी सरकार ने असम के रेलवे बजट को चार गुना बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये पहुंचाया है।

उन्होंने कहा कि सरकार देश के बुनियादी ढांचे पर भी बहुत बड़ा निवेश कर रही है। संस्थागत सुधार, उद्योग, बुनियादी ढांचा और नवाचार भारत की प्रगति का आधार है। इसलिए निवेशक किसी भी देश की क्षमता को देखते हैं कि उनकी और देश की प्रगति की संभावनायें बदल रही हैं। इस प्रगति में असम में भी डबल इंजन की स्पीड में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि असम ने 2030 तक सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 143 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस लक्ष्य को हासिल करने का पूरा भरोसा है। मुझे लोगों की क्षमताओं और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर भरोसा है। असम दक्षिण पूर्व एशिया और भारत के बीच एक प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में उभर रहा है। इस क्षमता को बढ़ाने के लिए, सरकार ने पूर्वोत्तर औद्योगिकीकरण परिवर्तन योजना, उन्नति शुरू की है।”

उन्होंने कहा कि असम की क्षमताओं का एक उदाहरण असम चाय है। इस ब्रांड ने 200 साल पूरे कर लिये हैं। यह विरासत असम को अन्य क्षेत्रों में भी उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि असम सेमीकंडक्टर विनिर्माण के एक केंद्र के रूप में उभर रहा है। हाल में टाटा समूह ने असम के जागीरोड में एक उन्नत सेमीकंडक्टर एसेम्बली संयंत्र का काम शुरू किया है। इस कारखाने से पूरे पूवोत्तर क्षेत्र में तकनीकी उद्यमों की वृद्धि प्रेरित होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हरित ऊर्जा के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति की है। इस क्षेत्र में एक साल में 10 अरब डालर का निवेश हुआ है। इससे नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की गति तेज हुई और पिछले एक साल में ही स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के 10 लाख से अधिक अवसर उत्पन्न हुए हैं।

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