नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेल में बंद सांसद अब्दुल रशीद शेख उर्फ इंजीनियर रशीद की याचिका पर सुनवाई के लिए 24 फरवरी की तारीख तय की। आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में आरोपी रशीद ने यह याचिका अपनी जमानत याचिका पर फैसला करने के लिए उपयुक्त अदालत की कमी के मुद्दे दायर की है।
न्यायमूर्ति विकास महाजन को जब उच्च न्यायालय के प्रशासन के वकील ने बताया कि न्यायालय ने सोमवार को स्पष्ट किया है कि मामले की सुनवाई कर रही राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की अदालत जमानत याचिका पर सुनवाई कर सकती है, इसके बाद उन्होंने सुनवाई स्थगित कर दी।
रशीद ने पहले उच्च न्यायालय का रुख किया था और अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि पिछले साल लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही एनआईए अदालत ने उन्हें इस आधार पर अधर में छोड़ दिया कि यह विशेष सांसद/विधायक (एमपी/एमएलए) अदालत नहीं है। इसलिए उनके पास कोई उपाय नहीं बचा था।
अंतरिम राहत के तौर पर रशीद को सोमवार को 11 और 13 फरवरी को संसद के मौजूदा सत्र में भाग लेने के लिए दो दिन की अभिरक्षा पैरोल की अनुमति दी गई थी। शीर्ष अदालत के आदेश के मद्देनजर न्यायमूर्ति महाजन ने मंगलवार को मौखिक रूप से रशीद के वकील से जमानत के लिए एनआईए अदालत का रुख करने को कहा।
सांसद के वकील ने हालांकि, अदालत से मामले को एक सप्ताह के लिए स्थगित करने का आग्रह किया। मामला स्थगित करते हुए उच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय प्रशासन के वकील से कार्यालय आदेश को रिकॉर्ड में रखने को कहा।
बारामुला के सांसद पर आतंकी वित्त पोषण मामले में मुकदमा दायर किया गया है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकी समूहों को वित्तीय मदद दी। रशीद 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे और 2017 के आतंकी-वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं।