Sunday, November 16, 2025
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आप ने राज्यसभा में उठाया पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ती ड्रोन गतिविधियों का मामला

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। राज्यसभा में आम आदमी पार्टी (आप) सदस्य संदीप कुमार पाठक ने पंजाब में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर तेजी से बढ़ रही ड्रोन गतिविधियों का मुद्दा आज सदन में उठाया। उन्होंने सरकार से मांग की कि सीमा की रखवाली करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को ड्रोन रोधी उपकरणों से लैस और प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है।

संदीप पाठक ने भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर तेजी से बढ़ रही ड्रोन गतिविधियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसका सीधा जुड़ाव राष्ट्रीय सुरक्षा से है। भारत का करीब 550 किलोमीटर बॉर्डर पाकिस्तान से लगता है। पिछले कुछ वर्षों में सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन की बड़े पैमाने पर घुसपैठ हुई है। वर्ष 2020 में ऐसे लगभग 50 ड्रोन देखे गए थे। उसके बाद साल दर साल यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल सीमावर्ती इलाकों में करीब 350 ड्रोन देखे गए थे। सुरक्षा बलों द्वारा इन्हें न्यूट्रालाइज्ड करने के प्रयास किए जाते रहे हैं लेकिन उनकी संख्या अपेक्षाकृत कम है। इसका मतलब बड़ी संख्या में ड्रोन बॉर्डर एरिया में लैंड करते हैं और लौट जाते हैं। अगर यह इसी तरह चलता रहा तो सीमावर्ती इलाकों में यह जो कुछ पाकिस्तान कर रहा है, वह बहुत गंभीर और चिंता का बिषय है। पाकिस्तान चीन और इराक से ड्रोन आयात करता है और हमारे पास अभी एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी इतनी उत्कृष्ट नहीं है। इसलिए हमें इस बारे में गंभीरता से विचार करना पड़ेगा और तैयारी करनी पड़ेगी। इसके लिए बीएसएफ को भी उपकरणों से लैस करना होगा और प्रशिक्षित करना होगा।

पाठक ने कहा कि ऐसे मामलों में कुल मिलाकर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन के बारे में भी हमें विचार करना चाहिए। जब भी इस तरह की कोई घटनाएं होती हैं तो उन गांवों को सील कर दिया जाता है और घर-घर तलाशी की जाती है। इससे उन लोगों को बड़ी सुविधा होती है। उन्होंने कहा कि हमारे पास अभी तक जो टेक्नोलॉजी है वह उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए है और ड्रोन काफी निम्न ऊंचाई में उड़ते हैं, इसलिए हमें उससे निपटने के लिए ड्रोन रोधी टेक्नोलॉजी को सुदृढ़ करना होगा। पाकिस्तान हथियार, गोला-बारूद और ड्रग्स तथा अन्य तस्करी का सामान भेजने के लिए इसी तरह निम्न ऊंचाई वाले ड्रोन को अपनी गतिविधियों में इस्तेमाल करता है, क्योंकि वह सीधी लड़ाई की बजाय छद्म युद्ध की तकनीक को अपना रहा है, इसलिए हमें उससे निपटने के लिए कारगर उपाय सुनिश्चित करने होंगे।

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