नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को सुल्तानपुरी स्थित वर्षों से खाली पड़े डीडीए फ्लैट्स का निरीक्षण किया। कैबिनेट मंत्री आशीष सूद और सांसद योगेंद्र चांदोलिया के साथ पहुंची सीएम गुप्ता ने फ्लैट्स की खस्ताहाल स्थिति को देख पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सरकारों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “2011 से तैयार ये मकान सिर्फ राजनीतिक उपेक्षा के कारण वीरान पड़े रहे, अरबों रुपये की बर्बादी हुई और गरीब अब तक झुग्गियों में रहने को मजबूर हैं।”
🧱 “झुग्गीवासी सिर्फ वोटबैंक थे”
रेखा गुप्ता ने सीधे-सीधे कहा कि पहले की सरकारों ने कभी गरीबों को पक्के मकान में बसाने की नीयत ही नहीं रखी। उन्होंने कहा –
“झुग्गीवासियों के जीवन स्तर को सुधारने की किसी को परवाह नहीं थी। ये मकान कांग्रेस के समय बने और AAP सरकार में तैयार हुए, लेकिन न किसी को यहां बसाया गया, न मरम्मत हुई। अब हमारी सरकार ने ठान लिया है कि झुग्गीवालों को सम्मानजनक मकान मिलेंगे।”
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि जो मकान मरम्मत योग्य हैं उनकी शीघ्र मरम्मत की जाए, और जो पूर्णतः जर्जर हैं, उन्हें ध्वस्त कर नए निर्माण की योजना तैयार की जाए।
🔍 डीडीए फ्लैट्स का विस्तृत सर्वे होगा
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पूरे क्षेत्र का विस्तृत सर्वेक्षण कराया जाए ताकि हर झुग्गीवासी को सही लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि “यह सिर्फ फ्लैट्स की मरम्मत का सवाल नहीं है, यह सामाजिक न्याय का मामला है। हर व्यक्ति को रहने के लिए सम्मानजनक घर मिलना चाहिए।”
🏗️ ‘जहां झुग्गी-वहां मकान’ का सपना होगा साकार
कैबिनेट मंत्री आशीष सूद ने कहा कि ये डीडीए फ्लैट्स गरीबों के लिए बनाए गए थे, लेकिन पूर्व सरकारों की लापरवाही ने इन मकानों को जर्जर बना दिया। उन्होंने कहा:
“अब हमारा संकल्प है कि झुग्गियों से निकालकर 2-3 किलोमीटर के दायरे में मौजूद क्लस्टर हाउसिंग में लोगों को स्थानांतरित किया जाएगा।”
📌 ज़मीनी हकीकत: वर्षों से खाली, आज भी इंतज़ार
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये फ्लैट्स 2011 में बनकर तैयार हो गए थे लेकिन आज तक इनका उपयोग नहीं हुआ। झुग्गीवासी आज भी सीलन भरी झोपड़ियों में रह रहे हैं जबकि सामने पक्के मकान खाली पड़े हैं।
चित्र विवरण (Image Caption):
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सुल्तानपुरी डीडीए फ्लैट्स का निरीक्षण करती हुईं, साथ में कैबिनेट मंत्री आशीष सूद और सांसद योगेंद्र चांदोलिया
पूर्ववर्ती सरकारों ने झुग्गीवासियों को सिर्फ़ वादों से ठगा और वोटबैंक के नजरिए से देखा। उससे भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि अरबों रुपये खर्च हुए, योजनाएँ बनीं, मकान भी खड़े हुए… लेकिन न किसी को चाबी मिली, न कोई अपने घर में बसा।
लेकिन आज़ादी के दशकों बाद पहली बार, माननीय… pic.twitter.com/3z7l47VOpi
— Rekha Gupta (@gupta_rekha) August 2, 2025