-दुश्मन देशों के अमीरों को मिलेगी अमेरिका में एंट्री, 50 लाख डॉलर देनी होगी फीस
वॉशिंगटन, (वेब वार्ता)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को देश निकाल रहे हैं। भारत, ब्राजील, मेक्सिको समेत कई देशों के अवैध प्रवासियों को अमेरिका से बाहर कर दिया है। इसके अलावा पनामा और ग्वांतनामो बे में भी ऐसे लोगों को रखा है। अब तक तीन जहाज ऐसे भारत के अवैध प्रवासियों वापस आ चुके हैं, जिनमें से ज्यादातर लोग गरीब तबके से ताल्लुक रखते थे और कहीं कर्जा लेकर अमेरिका गए थे। ट्रंप के इस आदेश की पूरी दुनिया में आलोचना भी हुई थी। इस बीच अब डोनाल्ड ट्रंप एक ऐसी योजना लॉन्च की है, जो किसी भी देश के अमीर इंसान को अमेरिकी नागरिकता प्रदान करेगी। यह योजना है। अमेरिका का गोल्ड कार्ड यानी अब अमेरिका गरीबों को बाहर करके अमीरों को अपने देश में बसाना चाहता है।
इस गोल्ड कार्ड स्कीम के तहत दूसरे देशों के अमीर लोग 50 लाख अमेरिकी डॉलर की फीस देकर नागरिकता हासिल कर सकते हैं। यह स्कीम पहले से चल रही है लेकिन यह ईबी-5 प्रोग्राम की जगह लॉन्च की है। इस स्कीम के तहत नियम था कि यदि कोई विदेशी शख्स अमेरिका का ग्रीन कार्ड चाहता है तो उसे निवेश करके रोजगार सृजन करना होता था। इसके साथ कम से कम 8 लाख डॉलर खर्च करने होते थे।
अब जो स्कीम डोनाल्ड ट्रंप लेकर आए हैं, उसके तहत 50 लाख डॉलर की यानी एक मोटी रकम देनी होगी। अमेरिका में ही ट्रंप की इस स्कीम की आलोचना भी होने लगी है। एक वर्ग का कहना है कि इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है और फ्रॉड जैसे घटनाएं बढ़ जाएंगी। ट्रंप ने इस गोल्ड कार्ड को जारी करते हुए कहा कि इससे ग्रीन कार्ड मिल जाएगा। इससे लोगों को अमेरिका की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा, जो हमारे देश को मजबूत करने के लिए निवेश करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस गोल्ड कार्ड के बारे में डिटेल दो सप्ताह में जारी की जाएंगी। यही नहीं अब अपने एंटी देश रूस के अमीरों को भी अमेरिका इसके जरिए एंट्री देगा। ट्रंप ने कहा है कि वह कई रूसी अमीरो को जानते भी हैं, जो बहुत अच्छे हैं। अब रुस के अमीरों को भी गोल्ड कार्ड स्कीम के तहत परमिशन मिल जाएगी।
वहीं ट्रंप सरकार के वाणिज्य मंत्री ने कहा कि पहले से चल रहा ईबी-5 वीजा प्रोग्राम एक फ्रॉड है। अमेरिका की नागरिकता पाने की वह कम कीमत लगाता है। ऐसे में ट्रंप जो गोल्ड कार्उ लेकर आए हैं, वह काफी अच्छा और सही है। ट्रंप प्रशासन ने जिस ईबी-5 वीजा प्रोग्राम को खत्म किया है, उससे 1990 में लॉन्च किया गया था। इसका मकसद था उन विदेशी लोगों को मौका दिया जाए, जो अमेरिका में निवेश करके रोजगार पैदा कर सकें। इसमें नियम था कि 10 लाख डॉलर का निवेश करें या फिर पिछड़े इलाके में 8 लाख डॉलर की फंडिंग करें। अब देखना है कि ट्रंप की यह नई योजना गोल्ड कार्ड का कितने लोग फायदा उठाते हैं।