कोलंबो, (वेब वार्ता)। श्रीलंका सरकार ने भारत से अनुरोध किया है कि वह अपने मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए देश के जलक्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करने से रोके।
परिवहन, राजमार्ग, बंदरगाह और नागरिक उड्डयन मंत्री बिमल रत्नायका ने कहा कि भारत की इस कार्रवाई की उत्तरी श्रीलंका के लोग सराहना करेंगे, क्योंकि मछली पकड़ना ही उनकी आजीविका का एकमात्र साधन है। उनकी यह टिप्पणी अगले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संभावित श्रीलंका यात्रा से पहले आई है।
रत्नायका ने बुधवार को संसद में कहा, “हम जानते हैं कि भारत श्रीलंका की बहुत मदद कर रहा है। लेकिन जाफना के लोगों के लिए यह मदद सबसे बड़ी होगी।’ उन्होंने कहा, “उनके पास कोई अन्य उद्योग नहीं है और यदि आप मन्नार और थलाईमन्नार जाएंगे तो आप देखेंगे।”
रत्नायका ने कहा कि भारत ने लिट्टे के साथ सशस्त्र संघर्ष के दौरान उत्तरी श्रीलंका के लोगों की काफी सहायता की थी। मंत्री ने जोर देकर कहा, ‘उन्होंने उन्हें सुरक्षा दी और हम इसके लिए भारत के आभारी हैं।’
उनके मुताबिक भारत, तमिलनाडु सरकार और उनके सांसद जो सबसे बड़ी सहायता कर सकते हैं, वह है उत्तरी क्षेत्र के लोगों को उनकी आजीविका को संरक्षित करने में मदद करना।
रत्नायका ने कहा, ‘यदि वे यह सहायता नहीं दे सकते तो सवाल यह है कि क्या उनकी अन्य सभी सहायता वास्तविक थी ?’
विपक्षी सांसद एम. गणेशन ने कहा कि श्रीलंका सरकार को भारतीय प्रधानमंत्री के साथ वार्ता के एजेंडे में भारतीय मछुआरों द्वारा अवैध रूप से मछली पकड़ने के मुद्दे को भी शामिल करना चाहिए।
श्रीलंकाई नौसेना ने कहा कि उन्होंने 2024 में श्रीलंकाई जलक्षेत्र में अवैध तरीके से मछली पकड़ने के लिए 550 से ज़्यादा भारतीय मछुआरों को गिरफ़्तार किया है। इस साल अब तक 130 से ज़्यादा भारतीय मछुआरों को गिरफ़्तार किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी अप्रैल की शुरुआत में श्रीलंका की यात्रा पर जा सकते हैं। यह उनकी चौथी श्रीलंका यात्रा होगी। इससे पहले, मोदी 2015, 2017 और 2019 में श्रीलंका की यात्रा कर चुके हैं।