-सीनियर अधिकारी अपने फौजी बच्चों की एलओसी में करवा रहे पोस्टिंग
करांची, (वेब वार्ता)। पाकिस्तानी सेना इस समय दो चुनौतियों से जूझ रही है। एक बलूच विद्रोही तो दूसरा टीटीपी। फ्रंटियर कोर के काफिलों पर हमले हो रहे है। मारे जाने वाले सुरक्षाबलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इनमें युवा अफसर भी शामिल है, लेकिन किसी सीनियर पाकिस्तानी सेना के अफसर के फौजी बच्चों के बारे में ऐसी खबरें कम ही आती है।
एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक उसकी सबसे बड़ी वजह है कि अपने रसूख का फायदा उठाकर सीनियर अफसर अपने बच्चों की पोस्टिंग एलओसी पर करवा रहे है। भारत और पाकिस्तान के बीच 2021 से एलओसी पर सीज फायर है। यहां छोटी फायरिंग की घटना आम है, लेकिन बड़े हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। कभी सक्रिय बॉर्डर रहा एलओसी में अब शांति है। इसी बॉर्डर पर पाक सेना के अफसर अपनी पोस्टिंग के लिए जद्दोजेहद कर रहे हैं।
रिपोर्ट में मुताबिक 2023 से यह सिलसिला चल रहा है। टीटीपी और बलूच विद्रोहियों का डर पाकिस्तानी सेना के अफसरों पर छाया है कि वह एलओसी पर पोस्टिंग चाहते हैं। फ्रंटियर कोर पाकिस्तान की पैरामिलिट्री फोर्स है। इनकी जिम्मेदारी है बलूचिस्तान और खैबर पख्तून के इलाके में ऑपरेट करने की है, साथ ही ईरान और अफगानिस्तान से लगती सीमा के पास कानून व्यवस्था को तय करना इसका काम है। यह पाकिस्तान के इंटीरियर मिनिस्ट्री के अंर्गत आता है। इस कोर को पाकिस्तानी सेना के अफसर लीड करते है।
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पाक सीनियर अफसर नहीं चाहते कि वह किसी भी फ्रंटियर कोर की बटालियन को भी लीड करने के लिए अपने बच्चों को भेजे। फ्रंटियर कोर में 70 हजार के करीब जवान हैं जो कि लोकल पुलिस की मदद करते हैं। काउंटर इंसर्जेंसी, एंटी स्मगलिंग, बॉर्डर पेट्रोलिए और काउंटर टेरेरिज्म ऑपरेशन को अंजाम देते है। बलूचिस्तान और खैबर के इलाके में इन्हीं की सबसे ज्यादा मूवमेंट होती है।
बलूचिस्तान में एक बडी मिलेट्री ऑपरेशन की तैयारी के लिए पाक फौज ने प्लान तो बड़ा बनाया था। 23 जून 2024 को पाकिस्तानी सेना ने आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन लॉन्च किया, लेकिन वह पूरी तरह से फेल होता नजर आ रहा है। पिछले साल ही बलूच विद्रोहियों के खिलाफ ऑपरेशन के लिए खैबर पख़्तून ख्वा से 2 ब्रेगेड को बलूचिस्तान में तैनात करने का फैसला लिया था। री इंफोर्समेंट के लिए पाकिस्तानी मिलेट्री ऑपरेशन ने 11 कोर से 2 ब्रिगेड को 12 कोर दक्षिणी कमान में भेजने का फैसला लिया था। इसके अलावा 1 कोर के अंतर्गत आने वाले 37वीं डिविजन आर्टेलरी को भी 12 कोर में फायर पावर को बढ़ाने के लिए किया गया है। पाकिस्तानी सेना की 12वी कोर का मुख्यालय क्वेटा बलूचिस्तान में है। इसका काम ही है बलूचिस्तान में बलूच विद्रोहियों के खिलाफ ऑप्रेट करना है।